हैदराबाद के गोलकोंडा स्थित आर्टिलरी सेंटर में हाल ही में आयोजित अग्निवीर कॉम्बैट स्पेक्टेकल के दौरान अपने युद्ध और तत्परता कौशल का प्रदर्शन करते प्रतिभागी। फाइल फोटो | फोटो क्रेडिट: नागरा गोपाल
पिछले वर्ष ड्यूटी के दौरान शहीद हुए महाराष्ट्र के अग्निवीर के परिवार ने कहा है कि उन्हें सरकार से 1.08 करोड़ रुपये की सहायता मिली है।
परिवार का बयान इस घटना के बाद आया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार, 1 जुलाई को कहा गया कि कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान देने वाले अग्निवीर को ₹1 करोड़ का मुआवजा मिलता है।
श्री सिंह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना का जिक्र करते हुए यह दावा करने के बाद बोल रहे थे कि सरकार अग्निवीरों को “इस्तेमाल करके फेंक देने वाले मजदूर” मानती है और उन्हें “शहीद” का दर्जा भी नहीं देती है।
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के पिंपलगांव सराय के मूल निवासी अग्निवीर अक्षय गवटे की 21 अक्टूबर 2023 को सियाचिन में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई।
सोमवार शाम यहां पत्रकारों से बात करते हुए उनके पिता लक्ष्मण गवते ने कहा कि अक्षय गवते की मौत के बाद परिवार को “बीमा कवर के रूप में 48 लाख रुपये, केंद्र सरकार से 50 लाख रुपये और राज्य सरकार से 10 लाख रुपये मिले।”
उन्होंने अक्षय की बहन के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की।
वह अपने बेटे की मौत के बाद मिले मुआवजे के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
14 जून, 2022 को घोषित अग्निपथ योजना में 17 से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को केवल चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें 25 प्रतिशत को अगले 15 वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है।
उसी वर्ष बाद में सरकार ने ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी।