विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में छाया ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ का मुद्दा, ठाकुर बोले- नाम…


भरत विवाद के अध्यक्ष पद पर बीजेपी: राष्ट्रपति भवन में होने वाले जी-20 डिनर के निमंत्रण में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखने पर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और आम आदमी पार्टी सहित अन्य दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब हमारे कारण हुआ है.

कांग्रेस ने इसे राज्यों के संघ पर हमला बताया. वहीं, तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अब ऐसा क्या होगा यह सब करना पड़ रहा है. मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संजोयक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि हम ‘इंडिया’ गठबंधन का नाम ‘भारत’ कर लें तो क्या बीजेपी देश का नाम बदल देगी.

इसके अलावा डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि हम बीजेपी को सत्ता से बाहर कर देंगे. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल पार्टियों के सांसदों की बैठक हुई. इस मीटिंग में भी इसी मुद्दे को लेकर चर्चा हुई. विपक्ष के हमले पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि इससे इन्हें परेशानी क्यों हो रही है?

मीटिंग में क्या चर्चा हुई?
खरगे के साथ मीटिंग में शामिल डीएमके सांसद टीआर बालू ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जी-20 के निमंत्रण कार्ड पर भारत लिखे जाने को लेकर कहा कि हमने इस पर चर्चा की. सभी मामलों को एकसाथ करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर भेजा जाएगा.

कांग्रेस ने क्या कहा?
इससे पहले मामले में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ‘‘यह खबर वास्तव में सच है. राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नौ सितंबर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है. ’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अब संविधान के अनुच्छेद 1 में पढ़ा जा सकता है: ‘भारत जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा’, लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं. ’’

जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करते हुए कहा, ‘‘पीएम मोदी इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं और भारत को बांट का काम कर हैं, लेकिन हम विचलित नहीं होंगे. आखिर ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्कलूसिव अलायंस) के घटक दलों का उद्देश्य क्या है? यह भारत है – सद्भाव, मेलजोल, मेल-मिलाप और विश्वास. जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!’’

संविधान का किया जिक्र
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बीजेपी का विध्वंसक दिमाग सिर्फ यही सोच सकता है कि लोगों को कैसे बांटा जाए. एक बार फिर, वे ‘इंडियंस’ और भारतीयों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं. स्पष्ट है कि हम सभी एक हैं! जैसा कि भारत के संविधान अनुच्छेद 1 कहता है – इंडिया, जो भारत है, राज्यों का एक संघ होगा.’’

ममता बनर्जी क्या बोलीं?
टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा कि यह भलीभांति ज्ञात है कि इंडिया ही भारत है तो अचानक ऐसा क्या हुआ कि आधिकारिक संदेश में देश का उल्लेख करते हुए केवल ‘भारत’ का इस्तेमाल करने की जरूरत आ पड़ी.

उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं, इंडियन कांस्टिट्यूशन’ कहते हैं, जबकि हिंदी में हम इसे भारत का संविधान कहते हैं. हम सभी भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? बनर्जी ने कहा कि दुनिया हमें ‘इंडिया’ के नाम से जानती है. अचानक क्या हो गया कि देश के नाम को बदलने की जरूरत पड़ गयी?’’ देश में इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है.

आप क्या बोली?
केजरीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमने ‘इंडिया’ नाम से गठबंधन बनाया है. देश 140 करोड़ लोगों का है, ना कि किसी एक पार्टी का. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी गठबंधन से भयभीत है और यही कारण है कि वह इस तरह के बदलावों का सहारा ले रही है. उन्होंने इसे देशद्रोह करार दिया.

आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने एक्स पर लिखा, ”हम अगली बैठक में अपने गठबंधन का नाम बदलकर भारत करने पर विचार कर सकते हैं. इस बीच बीजेपी को अब देश के लिए कोई नया नाम सोचना शुरू कर देना चाहिए.”

डीएमके क्या बोली?
डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने एक्स पर लिखा, ”फासीवादी बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए गैर-भाजपाई शक्तियों के एकजुट होने और अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने के बाद अब भाजपा ‘इंडिया’ को ‘भारत’ करना चाहती है. बीजेपी ने देश को बदलने का वादा किया था, लेकिन नौ साल बाद हम सभी को सिर्फ नाम बदले हुए नजर आ रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ”ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी ‘इंडिया’ शब्द से परेशान हो चुकी है क्योंकि उन्हें विपक्षी एकता की ताकत का अंदाजा हो गया है. चुनावों के दौरान ‘इंडिया’ बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर देगा.  इंडिया, इंडिया ही रहेगा.”

शरद पवार ने क्या कहा?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के जलगांव में कहा कि देश का नाम बदलने का अधिकार किसी के पास नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे समझ नहीं आता कि सत्तारूढ़ दल (बीजेपी) देश से संबंधित नाम को लेकर क्यों परेशान है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या संविधान में इंडिया का नाम बदला जाएगा तो पवार ने कहा, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

केंद्रीय मंत्री क्या बोले?
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा, ” मैं भारत सरकार का मंत्री हूं. बहुत सारे मीडिया चैनल के नाम भी भारत से शुरू होते हैं तो निमंत्रण अगर भारत नाम से है तो इससे किसी को परहेज क्यों होना चाहिए? ये भारत विरोधी कौन हैं? क्या अब नाम से भी दर्द होने लगा? इनको देश से बड़ा दल नजर आता है.” उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों को यूपीए के नाम से चिंता होगी. इस कारण इनके लिए मजबूरी थी.

वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निमंत्रण पत्र की एक तस्वीर सोशल मीडिया साझा करते हुए हैशटैग ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ का इस्तेमाल किया और कहा, ‘‘जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता. जय हो.’’

बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ”कांग्रेस को देश के सम्मान एवं गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? भारत जोड़ो के नाम पर राजनीतिक यात्रा करने वालों को भारत माता की जय के उद्घोष से नफरत क्यों है?  स्पष्ट है कि कांग्रेस के मन में न देश के प्रति सम्मान है, न देश के संविधान के प्रति और न ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति. उसे तो बस एक विशेष परिवार के गुणगान से मतलब है. कांग्रेस की देश विरोधी और संविधान विरोधी मंशा को पूरा देश भलीभांति जानता है.”

इस बीच बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पीएम मोदी की इंडोनेशिया यात्रा के संबंध में आधिकारिक जानकारी साझा की जिसमें उन्हें ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिखा गया है. पीएम मोदी 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार रात इंडोनेशिया के लिए रवाना होंगे.

विपक्षी गठबंधन में कौन-कौन शामिल
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) में 28 दल है. इसमें कांग्रेस, टीएमसी, आप, शरद पवार की एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, समाजवादी पार्टी, डीएमके और लेफ्ट सहित कई दल है. ये सभी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुई है.

इनपुट भाषा से भी.

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