बिहार जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट: बिहार सरकार ने सोमवार (2 अक्टूबर) को राज्य के जाति सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी. रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार की कुल आबादी करीब 13 करोड़ है, जिसमें लगभग 10 फीसदी आबादी अगड़ी हिंदू जातियों से हैं. यानि करीब 1 करोड़ 30 लाख आबादी अगड़ी हिंदू जातियों की हैं.
बिहार की कुल आबादी में 17 फीसदी के करीब मुसलमान हैं, यानि लगभग 2.21 करोड़ आबादी मुस्लिमों की है. अगर हम कुल आबादी यानी 13 करोड़ में से 2.21 करोड़ आबादी को घटा दें तो कुल हिंदुओं की आबादी लगभग 10.79 करोड़ होती है. यानि 10.79 करोड़ में कुल अगड़ी हिंदू जातियों की आबादी 1.3 करोड़ के करीब हैं.
इस हिसाब से कुल हिंदुओं की आबादी में अगड़ी हिंदुओं की आबादी महज 12 फीसदी होती है. यानि जनरल कैटगरी की आबादी को जिस तरह 15.5 फीसदी बताया जा रहा है, दरअसल वो हिंदुओं के लिए सही आंकड़ा नहीं है क्योंकि मुसलमानों में अगड़े मुसलमानों की संख्या हिंदुओं के मुकाबले करीब तीन गुना है.
हिंदुओं के मुकाबले अगड़ी मुस्लिम जातियों की संख्या ज्यादा कैसे?
बिहार की कुल आबादी लगभग 13 करोड़ है जिसमें अगड़े मुसलमानों की आबादी करीब 5 फीसदी है. इस तरह से अगड़े मुसलमानों की संख्या 65 लाख के करीब होती है. यानी 2.21 करोड़ में अगड़े मुसलमानों की आबादी लगभग 65 लाख है. इसे प्रतिशत में बदलते हैं तो ये मुसलमानों की कुल आबादी का लगभग 29.5 फीसदी होता है. यानी जहां हिंदुओं में अगड़ी जातियों की संख्या सिर्फ 12 फीसदी है तो वहीं मुसलमानों में हिंदुओं के मुकाबले करीब ढाई गुना ज्यादा यानी लगभग 29.5 फीसदी अगड़ी जाति से आते हैं.
बिहार में सबसे ज्यादा आबादी वाली 10 जातियां
बिहार में सबसे ज्यादा यादव- 14.27 प्रतिशत (1.86 करोड़) हैं. उसके बाद दुसाध- 5.31 प्रतिशत (69.43 लाख), फिर चमार -5.25 प्रतिशत (68.69 लाख), र्कोइरी- 4.2 प्रतिशत (55.06 लाख), मुसहर- 3.08 प्रतिशत (40.35 लाख), ब्राह्मण- 3.65 प्रतिशत (47.81 लाख), राजपूत- 3.45 प्रतिशत (45.10 लाख), कुर्मी- 2.87 प्रतिशत (37.62 लाख), बनिया- 2.3 प्रतिशत (30.26 लाख) और कायस्थ- 0.60 प्रतिशत (7.85 लाख) है.
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