मानसून की वजह से कृषि ग्रोथ में आई काफी गिरावट, 4-5 साल में है सबसे ज्यादा गिरावट


Agriculture Growth Rate Down: सरकार और किसानों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. देश में पिछले कुछ सालों में कृषि ग्रोथ में भारी गिरावट देखने को मिली है. जिसकी एक वजह मानसून भी है. देश में मानसून की कमी की वजह से कृषि विकास दर में भारी गिरावट हुई है. साल 2023 की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र में व‍िकास दर 3.5 फीसदी से घटकर 1.2 प्रतिशत रह गई है.

मानसून की कमी की वजह से विभिन्न प्रदेशों में फसलों की बुआई और सिंचाई पर प्रभाव पड़ा है. खरीफ फसलों की बुआई का काम सामान्य रूप से जुलाई-सितंबर की दौरान किया जाता है. वहीं, रबी की अधिकांश फसल बिक्री के लिए इन दिनों मंडियों में होती है. वर्ष 2023 में मानसून की देरी के कारण कृषि फील्ड में बड़ा नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार की ओर से जारी अक्टूबर 2023-24 खरीफ सीजन के अपने पहले अनुमान में बारिश की वजह से ज्यादातर फसलों के लिए कुछ खास अच्छी नहीं दिख रही है. वहीं, सरकार की तरफ से मानसून की कमी से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही में आरबीआई के अनुमानों को पार कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का 6.5% का विस्तार अनुमान लगाया था. लेकिन पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही का विकास 7.8% से कम है. आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उत्पादन क्षेत्र में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. यह 13.9% पर पहुंच गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.8% की गिरावट आई थी. निर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर 13.3% रही है.

बीते कुछ वर्षों में कृष‍ि क्षेत्र की व‍िकास दर

  • वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि विकास दर 6.8 फीसदी थी.
  • वर्ष 2017-18 के दौरान कृषि विकास दर 6.6 फीसदी थी.
  • वर्ष 2018-19 के दौरान कृषि विकास दर 2.1 फीसदी थी.
  • वर्ष 2019-20 के दौरान कृषि विकास डॉ 5.5 फीसदी थी.
  • वर्ष 2020-21 के दौरान कृष‍ि व‍िकास दर 3.3 फीसदी थी.
  • वर्ष 2021-22 के दौरान कृष‍ि व‍िकास दर 3.0 फीसदी थी.

खेलें इलेक्शन का फैंटेसी गेम, जीतें 10,000 तक के गैजेट्स 🏆 *T&C Apply

यह भी पढ़ें- घर में पानी की बोतलों में उगा लें ये सब्जियां, बिना झंझट के बच जाएंगे पैसे



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version