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बॉलीवुड का इकलौता एक्टर जिसने लिया था धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन से पंगा, जानें किस्सा


बॉलीवुड बिल्ली: 70’s और 80’s के दौर में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन का स्टारडम ऊंचाईयों पर था. उस दौर में इनकी अलग-अलग फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमाल करती थीं. फिल्म इंडस्ट्री के ये दोनों सितार अपने अभिनय के अंदाज के लिए लोकप्रिय थे. ऐसा नहीं है कि उस दौर में बस यही दो एक्टर्स का स्टारडम बरकरार था, बल्कि एक और एक्टर था जिसने अपने लुक, एक्टिंग और क्यूटनेस से हर किसी का दिल जीत लिया था.

उस एक्टर का नाम विनोद खन्ना है, आज भले ही विनोद खन्ना इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनसे जुड़े किस्से हमेशा याद किये जाएंगे. वैसे तो विनोद खन्ना को लेकर कई किस्से मशहूर हैं लेकिन यहां बात सिर्फ उस किस्से की करेंगे जब उनका पंगा अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र से अलग-अलग समय पर हुआ था.

विनोद खन्ना का स्टारडम

6 अक्टूबर 1946 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. पार्टिशन के बाद इनके पिता परिवार समेत मुंबई आ गए थे. कॉलेज में विनोद खन्ना प्लेज किया करते थे और उसी दौरान सुनील दत्त की नजर विनोद खन्ना पर पड़ी थी. सुनील दत्त ने अपनी फिल्म मन का मीत (1968) में विनोद खन्ना को पहला मौका दिया और यही उनकी डेब्यू फिल्म भी थी.

इसके बाद ‘पूरब और पश्चिम’, ‘सच्चा और झूठा’, ‘आन मिलो सजना’ और ‘मेरा गांव मेरा देश’ जैसी सुपरहिट फिल्म करके विनोद खन्ना स्टार बन गए थे. ऐसा बताया जाता है कि विनोद खन्ना बहुत शांत व्यक्ति थे, उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता था और अपने काम को पूरी ईमानदारी से करते थे. विनोद खन्ना का करियर 1947 से 1982 तक पीक पर रहा है और उस दौरान उन्होंने ढेरों सुपरहिट फिल्में दीं. इनमें से कुछ सोलो थीं और कई मल्टीस्टारर थीं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1982 के बाद विनोद खन्ना का ओशो की शरण में जाना उनके किरयर के ग्राफ को नीचे ले गया. विनोद खन्ना हिंदी सिनेमा के स्टार बन चुके थे लेकिन साल 1982 के बाद वो ओशो के पास अमेरिका चले गए और संन्यास ले लिया.

हालांकि, करीब 5 सालों के बाद वो लौटे और फिर से एक्टिंग करियर शुरू किया. लेकिन तब तक उनका वो स्टारडम कम होने लगा था जो हुआ करता था. विनोद खन्ना ने 90’s और 2000’s में कई फिल्में कीं जिनमें कुछ सफल हुईं तो कुछ असफल हुईं. विनोद खन्ना की आखिरी फिल्म दिलवाले थी जिसमें वो शाहरुख खान के पिता बने थे. 27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना का निधन 70 साल की उम्र में हो गया था.

विनोद खन्ना का धर्मेंद्र से क्यों हुआ था पंगा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र विनोद खन्ना को अपना छोटा भाई मानते थे और उन्हें कई फिल्में भी दिवलाई है. धर्मेंद्र चाहते थे कि विनोद उनके करीब रहें और उनकी हर बात माने लेकिन विनोद खन्ना अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में इतना मशरूफ थे कि धर्मेंद्र से मिल नहीं पाते थे. एक दौर की बात है जब विनोद खन्ना और अमृता सिंह के अफेयर के चर्चे काफी सुर्खियों में थे.

विनोद खन्ना अपना समय फिल्मों और पर्सनल लाइफ में बांट दिए थे. एक बार धर्मेंद्र ने उन्हें पार्टी के लिए बुलाया था लेकिन विनोद खन्ना पहुंच नहीं पाए और ना आने का कारण भी नहीं बताया. इसपर धर्मेंद्र काफी नाराज हुए थे और काफी समय तक विनोद खन्ना से बात नहीं की थी. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि उस दौर में होने वाले फिल्मी इवेंट्स पर भी धर्मेंद्र पब्लिकली विनोद खन्ना को इग्नोर करते थे.

बाद में विनोद खन्ना ने माफी मांगी और वो फिर से दोस्त हुए. धर्मेंद्र अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने विनोद के साथ फिर से दोस्ती की. धर्मेंद्र और विनोद खन्ना ने साथ में ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘फरिश्ते’, ‘बंटवारा’, ‘द बर्निंग ट्रेन’, ‘क्षत्रिय’ जैसी फिल्में कीं.

विनोद खन्ना का अमिताभ बच्चन से क्यों हुआ था पंगा?

अगर बात अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना की करें तो इन्होंने भी साथ में कई फिल्में की हैं. विनोद और अमिताभ ने साथ में ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘परवरिश’, ‘हेरा फेरी’, ‘खून पसीना, ‘जमीर’ जैसी बेहतरीन फिल्में कीं हैं. बताया जाता है कि फिल्म मुकद्दर का सिकंदर की शूटिंग के समय तक विनोद खन्ना कई सुपरहिट फिल्में दे चुके थे जबकि अमिताभ बच्चन ने तीन-चार ही सफल फिल्में दी थीं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिताभ बच्चन को टॉप पर पहुंचने की जल्दी थी जबकि विनोद खन्ना की लोकप्रियता बन चुकी थी. एक फिल्म के दौरान ऐसा सीन फिल्माया गया जिससे विनोद खन्ना को शारीरिक रूप से परेशानी उठानी पड़ी थी.

दरअसल हुआ यूं था फिल्म मुकद्दर का सिकंदर की शूटिंग के दौरान एक गिलास अमित जी विनोद की तरफ उछालकर फेंकते हैं जिसमें विनोद को झुक जाना था लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके और गिलास उनके चिन में लग गया.

बताया जाता है कि उन्हें टाके लगाने पड़े थे और इसको लेकर अमिताभ बच्चन ने माफी भी मांगी थी. काफी समय तक विनोद खन्ना उनसे नाराज रहे क्योंकि उन्हें लगता था कि वो गिलास अमिताभ ने जानबूझकर फेंका था. हाालंकि बाद में सारी बातें आई-गई हो गईं और अमिताभ बच्चन की विनोद खन्ना से दोस्ती बरकरार रही.

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