अभिलेखों में ब्रह्मा महोत्सव में पुनर्स्थापना के बहुत से लाभ बताए गए हैं। प्रातः 4 बजे से सायं 6 बजे तक का समय ब्रम्हा पादरी का समय बताया गया है।
![इस दौरान भजन करना बहुत फायदेमंद होता है। इस समय अगर कोई निद्रा (नींद) में रहता है तो ब्रह्मचर्य से ही, कई तरह की मानसिक बीमारियाँ घेर लेती हैं।](https://i0.wp.com/feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/21/d070206fc2b5dd1a78dc13fd5ff9747cc2a0b.jpg?w=640&ssl=1)
इस दौरान भजन करना बहुत फायदेमंद होता है। इस समय अगर कोई निद्रा (नींद) में रहता है तो ब्रह्मचर्य से ही, कई तरह की मानसिक बीमारियाँ घेर लेती हैं।
![मानसिक बिमारियों के साथ-साथ मनुष्य को शारीरिक स्वास्थ्य का भी सामना करना पड़ सकता है। मानसिक बिमारियों की वजह से मन डरना बाकी है। ब्रह्मा उत्सव में उठना बहुत शुभ माना जाता है।](https://i0.wp.com/feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/21/7636ac16fbc0299f49068327c5c76e20433c6.jpg?w=640&ssl=1)
मानसिक बिमारियों के साथ-साथ मनुष्य को शारीरिक स्वास्थ्य का भी सामना करना पड़ सकता है। मानसिक बिमारियों की वजह से मन डरना बाकी है। ब्रह्मा उत्सव में उठना बहुत शुभ माना जाता है।
![हर इंसान को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठना चाहिए। प्रात: काल का उदय कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें। मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए। इससे बुद्धि, विद्या और सौन्दर्य बना रहता है।](https://i0.wp.com/feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/21/e88637ccee798f77778a82a9e855a46741452.jpg?w=640&ssl=1)
हर इंसान को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठना चाहिए। प्रात: काल का उदय कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें। मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए। इससे बुद्धि, विद्या और सौन्दर्य बना रहता है।
![साथ ही मंगल बेला में पुनर्स्थापना से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। शारीरिक शक्ति बहुत है.](https://i0.wp.com/feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/21/98c7078ee1e8ae3af4a67309ee98e3a42617d.jpg?w=640&ssl=1)
साथ ही मंगल बेला में पुनर्स्थापना से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। शारीरिक शक्ति बहुत है.
![इस क्रम को याद रखें और यदि आप रोज़ अलसेट रूम में नहीं बैठे हैं, तो प्रयास करें प्रात: काल पुनरुद्धार का फिर से आपका यह प्रयास अभ्यास बन जाएगा। इसी तरह के नियम और निर्देश डॉ. दार्शनिक।](https://i0.wp.com/feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/21/18dabffa4922b88628d9ba71fe0e3c6bd3111.jpg?w=640&ssl=1)
इस क्रम को याद रखें और यदि आप रोजाना अलसेट रूम में नहीं बैठते हैं, तो प्रयास करें प्रात: काल पुनरुद्धार का फिर से आपका यह प्रयास अभ्यास बन जाएगा। इसी तरह के नियम और निर्देश डॉ. दार्शनिक।
पर प्रकाशित: 21 मई 2024 09:47 पूर्वाह्न (IST)