अभिलेखों में ब्रह्मा महोत्सव में पुनर्स्थापना के बहुत से लाभ बताए गए हैं। प्रातः 4 बजे से सायं 6 बजे तक का समय ब्रम्हा पादरी का समय बताया गया है।
इस दौरान भजन करना बहुत फायदेमंद होता है। इस समय अगर कोई निद्रा (नींद) में रहता है तो ब्रह्मचर्य से ही, कई तरह की मानसिक बीमारियाँ घेर लेती हैं।
मानसिक बिमारियों के साथ-साथ मनुष्य को शारीरिक स्वास्थ्य का भी सामना करना पड़ सकता है। मानसिक बिमारियों की वजह से मन डरना बाकी है। ब्रह्मा उत्सव में उठना बहुत शुभ माना जाता है।
हर इंसान को सुबह 4 से 6 बजे के बीच उठना चाहिए। प्रात: काल का उदय कर अपने गुरुजनों का स्मरण करें। मंगल बेला में किसी को सोना नहीं चाहिए। इससे बुद्धि, विद्या और सौन्दर्य बना रहता है।
साथ ही मंगल बेला में पुनर्स्थापना से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। शारीरिक शक्ति बहुत है.
इस क्रम को याद रखें और यदि आप रोजाना अलसेट रूम में नहीं बैठते हैं, तो प्रयास करें प्रात: काल पुनरुद्धार का फिर से आपका यह प्रयास अभ्यास बन जाएगा। इसी तरह के नियम और निर्देश डॉ. दार्शनिक।
पर प्रकाशित: 21 मई 2024 09:47 पूर्वाह्न (IST)