तुलसी का पौधा घर में किस दिशा में लगाना चाहिए, तुलसी के पौधे से सही डायरेक्शन जानें


तुलसी के लिए वास्तु टिप्स: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देवताओं की तरह पूजने की परंपरा है। तुलसी को वृंदा भी कहा जाता है। मान्यता यह है कि जिस घर में तुलसी हो वहां कभी धन की कमी नहीं होती, क्योंकि तुलसी में मां लक्ष्मी (लक्ष्मी जी) का वास होता है। इसलिए इसे धन प्रदान करने वाला पौधा भी कहा जाता है। वास्तु के अनुसार घर में तुलसी की दिशाएं सही होना बेहद जरूरी है तभी इसका फल प्राप्त होता है।

घर में तुलसी का पौधा किस दिशा में रखें

घर में तुलसी के पौधे की सबसे सही दिशा उत्तर या पूर्व, ईशान कोण मानी गई है। पूर्व दिशा में तुलसी के घर से सुख-समृद्धि का वास रहता है, सूर्य के समान ऊर्जा बनी रहती है। वहीं उत्तर दिशा में आत्माओं से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

इस दिशा में भूलकर भी न रोका तुलसी

गलत दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से न सिर्फ यह सूख जाता है बल्कि इससे कंगाली का सामना भी करना पड़ सकता है। तुलसी को दक्षिण दिशा में न रोका गया। ये दिशा पितरों की है. ऐसा करने पर मां लक्ष्मी नाराज हो सकती है। साथ ही इसे पश्चिम दिशा में न रखा जाए। इसे आर्थिक संकट घेरे हुए लगता है

तुलसी जी का मंत्र (तुलसी पूजा मंत्र)

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधी व्याधि

हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

कब तक तुलसी पौधा

वास्तु के अनुसार तुलसी का पौधा गुरुवार या शुक्रवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए माह की तो कार्तिक या चैत्र माह में घर में तुलसी लगाना सबसे शुभ माना गया है। इससे मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं। आर्थिक संकट दूर होता है. कहते हैं कि जिस घर में इस दिशा में तुलसी लगी होती है, उस घर में सदैव प्यार और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

घर में है तुलसी तो इन बातों का रखें ध्यान (तुलसी पूजा नियम)

  • तुलसी को रोजाना जल डालना चाहिए, लेकिन एक नियमित मात्रा में क्योंकि अधिक जल डालने पर इसकी जड़ को नुकसान पहुंचता है, वह सूख जाता है। तुलसी का सुखाना शुभ नहीं माना जाता.
  • सूर्य देव के बाद तुलसी को स्पर्श न करना चाहिए, बस दीपक लगाकर पूजन करना चाहिए। बिना प्रणाम किए तुलसी का पता नहीं तोड़ना चाहिए, ये विष्णु प्रिया है। ऐसा करने पर विष्णु जी और मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं।
  • एकादशी पर तुलसी में जल नहीं डाला जाता, न ही उसका पत्ता टूटता है, इससे दुर्भाग्य आता है।



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