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खेती से होगी तगड़ी कमाई, किसानों को फसल बोने से पहले करना होगा बस ये एक काम



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<p style="text-align: justify;"><strong>Agriculture News:</strong> भारत एक कृषि प्रधान देश है. भारत की करीब 58 प्रतिशत आबादी आज भी खेती पर निर्भर है. उनके कमाने का जरिया सिर्फ खेती या फिर कृषि उद्योग हैं. ऐसे में कर्ज लेकर और नुकसान खाकर भी कई बार किसान भाई खेती करने पर मजबूर होते हैं क्योंकि उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है.आज के समय में हर किसान चाहता है कि उसकी उगाई हुई फसल खेत से निकलते ही अच्छे दाम पर बिक जाए, जिससे कि थोड़ा बहुत मुनाफा हो, लेकिन मौसम की मार और खेती की सही प्लानिंग ना हो पाने के कारण ये काम मुमकिन नहीं हो पाता. एक्सर्ट्स बताते हैं कि किसान चाहे तो 1 एकड़ खेत से भी लाखों की आमदनी ले सकते हैं. इसके लिए सिर्फ तीन चीजों पर ध्यान देना होगा. एक मेहनत, दूसरा सब्र और तीसरा सबसे अधिक मुनाफा देने वाली फसल के बीज. इन तीनों चीजों से कम समय में अच्छी आमदनी मिल सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">रबी की फसल की कटाई हो चुकी है, ऐसे में फसल के भंडारण के बाद किसान अब खरीफ की बुवाई में लग गए हैं.खरीफ की फसल में किसानों को फसलों के लिए नर्सरी तैयार करने की जरूरत होती है, कुछ की बुवाई सीधी होती है तो कुछ की बुवाई के बीजोपचार करना जरूरी होता है. बजोपचार से किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बीजोपचार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बिजोपचार एक वैज्ञानिक पद्धति है जो खेती में काम ली जाती है. इससे फसल बेहतर होती है और उत्पादन भी अधिक होता है. बिजोपचार में किसानों को बीजों का उपचार करना जरूरी होता है क्योंकि बीज कई सारे रोगाणु, जीवाणु, विषाणु के अपने अंदर लिए होता है और यह बीज इन सभी का वाहक होता है. बीजोपचार करने से बीजों की गुणवत्ता और अंकुरण के साथ फसल की पैदावार भी अच्छी होती है. जब बीज का उपचार कर दिया जाता है तो बीज में लड़ने की क्षमता, उत्पादकता और उत्पादन की शक्ति बढ़ जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गोबर और कंपोस्ट की खाद का करें इस्तेमाल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">फसल की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान भाई बिना जुताई किए ही सरसों, मसूर वगैरह की फसल बो देते हैं. फसल की कटाई के बाद खेत अगर असमतल या उबड़ खाबड़ हो जाए तो खेतों के समतलीकरण का कार्य करने के बाद ही दूसरी फसल को बोएं.बोई जाने वाली फसल के लिए जुताई पहले ही शुरू कर दें. दोबारा जुताई करने के लिए गोबर की खाद या फिर कंपोस्ट खाद को खेत की मिट्टी में मिला दें. इससे उत्पादन और उर्वरक की शक्ति मिलेगी और मुनाफा भी अच्छा होगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये बातें जान लें वरना हो सकता है नुकसान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">फसल की अगर फसल सही वक्त पर तैयार हो जाए तो आगे का काम भी आसान हो जाता है और मुनाफा भी अच्छा होता है. रबी की फसल तो कब की काटी जा चुकी है, अब खरीफ की फसलें बोई जा रही है. अगर सही समय पर तैयारी हो जाती है तो काम आसान हो जाता है और फसल भी अच्छी होती है. रबी फसल की कटाई और खरीफ फसलों की बुवाई के बीच किसानों को कुछ समय मिल जाता है. इस कारण वे पहले ही तैयारी करने की स्थिति में होते हैं. हालांकि खरीफ फसल की कटाई और रबी फसलों की बुवाई के वक्त किसानों के पास बिल्कुल समय नहीं होता है. ऐसे में उन्नत बीज, खाद, खरपतवार नाशक, और कीटनाशक को एडवांस में ही खरीद लें. बारिश के बाद खेत की दोबारा जुताई करा लें जिससे खरपतवार पहले ही समाप्त हो जाए. अगर इसके बाद भी नर्सरी में खरपतवार रह जाता है तो इसकी निराई करा लें.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पांरपरिक तरीके से जुताई</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पुराने समय में खेती बैलों पर ही आधारित होती है. ये बैल ही खेतों की जुताई के लेकर फसलों को मंडी पहुंचाने के लिये मालवाहक की तरह काम करते थे, हालांकि आज भी कई इलाकों में बैलों को इसी काम के लिये रखा गया है, लेकिन आधुनिकता और कृषि मशीनीकरण के दौर में अब किसानों ने ट्रैक्टर के साथ तमाम मशीनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.</p>
<p style="text-align: justify;">इससे कम समय, कम श्रम और कम खर्च में ही जुताई का काम हो जाता है. पुराने समय में इन मशीनों की कमी के कारण बैलों के कंधों पर हलों को ढ़ोया जाता है और कई दिनों तक खेतों की जुताई की जाती थी. कई किसान तो अपने कंधों पर हल लादकर खेतों की जुताई करते थे, लेकिन कृषि मशीनीकरण के दौर में ट्रैक्टर समेत कई उपकरण आज वरदान के समान साबित हो रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a href="https://www.abplive.com/agriculture/bihar-government-will-give-incentive-amount-to-farmers-for-dragon-fruit-cultivation-2728660">ड्रैगन फ्रूट कराएगा&nbsp;किसानों का बंपर मुनाफा, खेती के लिए सरकार देगी इतने लाख रुपये</a></strong></p>
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