बीबिहार के छपरा के एक प्रवासी श्रमिक होलानाथ कुमार दिल्ली में ऑटोरिक्शा चलाते हैं और पूर्वी दिल्ली की घनी आबादी वाली कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते हैं। नौकरी की तलाश में शहर में स्थानांतरित होने के बाद से वह और उनका परिवार छठ पूजा समारोह से कभी नहीं चूके।
पहले, यह यमुना में डुबकी लगाने के साथ समाप्त होता था, हालांकि सफेद प्रदूषणकारी झाग उन्हें परेशान करता था। बाद में, बिहार और पड़ोसी राज्यों के अधिक लोगों के उनके पड़ोस में बसने के साथ, बिहार के प्रवासियों के संघों ने कृत्रिम तालाबों जैसी “बेहतर” व्यवस्था प्रदान करना शुरू कर दिया।
2011 की जनगणना का हवाला देते हुए सरकारी आंकड़े कहते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में बिहार और झारखंड के लगभग 15 लाख प्रवासी कामगार हैं। वे जहां भी होते हैं, विंध्यवासिनी देवी और शारदा सिन्हा के लोक गीत बजाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि छठ के उन चार दिनों के दौरान एक बिहारी की पहचान पूरी तरह से प्रदर्शित हो। दिल्ली हो या लंदन, बेटियों और बेटों के लिए इस उत्सव में प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करेंगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रवासियों की संख्या बहुत कम आंकी गई है। आईआईटी, हैदराबाद में पढ़ाने वाली अमृता दत्ता ने बिहार से पलायन के पैटर्न पर बारीकी से नज़र रखी है। राज्य में उनके द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के अनुसार, कम से कम एक प्रवासी सदस्य वाले परिवारों का प्रतिशत 1999 में 45% से बढ़कर 2011 में 62.1% और 2016 में 64.9% हो गया।
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एक स्वर में: बिहार के प्रवासी पंजाब के जालंधर में छठ पूजा समारोह के दौरान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्यास्त के समय और अगले दिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
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प्रकृति के अनुरूप: राजस्थान के जयपुर में गलता जी मंदिर कुंड में भक्त उत्सव के दौरान अनुष्ठान करते हैं। इस पूजा के लिए कोई पुजारी नहीं है और इसमें कोई मंत्र शामिल नहीं हैं।
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पवित्र सफ़ाई: त्यौहार के दिन महिलाएं उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में डुबकी लगाती हैं।
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सामंजस्यपूर्ण अनुष्ठान: कोलकाता में हुगली नदी के तट पर भक्त डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह त्योहार धर्म, जाति और लिंग की बाधाओं से परे है।
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विरासत की भावना: नई दिल्ली में लक्ष्मीबाई नगर के पास संजय झील पर छठ पूजा अनुष्ठान हो रहे हैं। टोकरी, विन्नोज़ और पूजा सामग्री बांस से बनाई जाती है और गेंदे के फूल से सजाई जाती है।
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परंपरा में निहित: चेन्नई के मरीना बीच पर छठ पूजा अनुष्ठान के दौरान प्रार्थना करती महिलाएं।
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AKHILA EASWARAN
दीप प्रार्थना: चेन्नई के मरीना बीच पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं।
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उत्तर से दक्षिण: केरल के कन्नूर में चटियारकुलम में भक्त सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
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एकजुट संस्कृति: महाराष्ट्र के नागपुर में महिलाएं अनुष्ठान करती हैं।