कॉलेज के अभ्यर्थियों ने स्वयं ही वीडियो बनाया।
बिहार के आरा से एक बार फिर बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें सामने आई हैं। छात्र जमीन पर बैठकर बीए सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा दे रहे थे।
क्या आपने कभी कॉलेज की परीक्षा कॉलेज की जमीन या बालकनी में बैठकर देने के बारे में सोचा है? हाल ही में बिहार के आरा में एक कॉलेज में ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। बिहार की शिक्षा व्यवस्था का एक वीडियो इंटरनेट पर सामने आया है। छात्र बीए सेमेस्टर 2 की परीक्षा जमीन, बालकनी और छत पर बैठकर देते देखे गए। यहां तक कि दो छात्रों के बैठने की जगह पर पांच छात्र परीक्षा देते देखे गए। छात्रों को जहां भी खाली जगह मिली, वहीं परीक्षा देते देखा गया।
इस वीडियो को बिहार शिक्षा प्रणाली के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के एचडी जैन कॉलेज ने शेयर किया है। लोकल 18 के वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र अलग-अलग तरीकों से परीक्षा दे रहे हैं। इसमें उन्हें कक्षा के बाहर हॉलवे में बैठे और जमीन पर सवालों के जवाब देते हुए दिखाया गया है। शिक्षा विभाग ने निस्संदेह यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए कि सिस्टम की भयावह स्थिति छिपी रहे, भले ही उसने परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयारी नहीं की हो। मीडिया के प्रवेश पर कॉलेज की सख्त नीति के बावजूद परीक्षा दे रहे छात्रों ने अपने फोन पर दयनीय स्थिति की ये तस्वीरें लीं और पत्रकार को उपलब्ध कराईं।
कॉलेज के उम्मीदवारों ने खुद ही वीडियो बनाया, जिसे उन्होंने लोकल 18 के पत्रकार को उपलब्ध कराया। उम्मीदवारों ने कहा, “हालांकि हम पिछले चार दिनों से परीक्षा देने के लिए यहां आ रहे हैं, लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं दी गई है। उम्मीदवारों के अनुसार, कक्षा में पंखे को इस तरह से लगाया गया है कि ऐसा लगे कि वह हिल रहा है, छात्रों को परीक्षा के लिए अपनी कॉपियाँ लाने के लिए भी कहा जाता है।” उन्होंने आगे कहा, “जब हम कमरे में शिक्षकों से सीटें आवंटित करने के लिए कहते हैं, तो हमें निर्देश दिया जाता है कि परीक्षा दें और जहाँ भी बैठने की जगह मिले, वहाँ बैठ जाएँ।”
इस मामले में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अनवर इमाम ने लोकल 18 से फोन पर बात की। उन्होंने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘जैन कॉलेज में ऐसी अराजकता की उम्मीद नहीं थी। मैं कॉलेज के प्रिंसिपल से बात करके पूरी स्थिति की जानकारी जुटा रहा हूं।’ वीर कुमार ने यह भी कहा कि छात्रों की व्यवस्था में जो कुछ भी कमी है, उसे पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कॉलेज के प्रिंसिपल नरेंद्र कुमार ने कहा, ‘यहां एक बार में करीब हजारों छात्र बैठ सकते हैं, जबकि इस बार 1,100 छात्र परीक्षा देने आए, जिससे कुछ दिक्कतें हुईं। लेकिन अब यह समस्या हल हो जाएगी।’ उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में उपलब्ध सीटों से ज्यादा छात्र परीक्षा दे रहे हैं।
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