एमबीबीएस छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों को क्यों पसंद करते हैं: नीट यूजी परीक्षा पास करने के बाद जब मेडिकल कॉलेज चुनने की बारी आती है तो ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स सरकारी कॉलेज चुनना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं ऐसे कॉलेजों को ज्यादा पसंद किया जाता है जो सालों पुराने हैं, अच्छी तरह से स्थापित हैं और जहां की एनुअल फीस भी काफी कम है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये निष्कर्ष निकला है जिसमें नेशनल मेडिकल कमीशन का डेटा शामिल किया गया है.
इन कॉलेजों को नहीं किया गया शामिल
इस डेटा में करीब 1 लाख एमबीबीएस स्टूडेंट्स को शामिल किया गया है. हालांकि 20 एम्स और जेआईपीएमईआर जिनमें मिलाकर कुल 2269 सीटें हैं और दूसरे कॉलेज जिनकी 420 सीटें हैं, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है.
ये शहर हैं पहली पसंद
इस लिस्ट में सबसे ऊपर दिल्ली का नाम आ रहा है. यहां के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं. एम्स के डेटा हटा दिया जाए तो मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज इस लिस्ट में टॉप पर है. इसके बाद नंबर आता है वर्धमान मेडिकल कॉलेज का जो दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल से अटैच है.
दूसरे नंबर पर आता है इस शहर का नाम
दिल्ली के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की मीडियन रैंक 4597 है. इसके बाद नाम आता है केरल का. यहां के सरकारी कॉलेजों की एनुअल फीस 20 से 30 हजार पुये के आसपास है. इसके साथ ही बॉन्डेड सर्विस नहीं है. यहां के गवर्नमेंट कॉलेजों की मीडियन रैंक हाईएस्ट है – 12592. इतना ही नहीं केरल के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की मीडियन रैंक भी हाई है करीब 96,600. जबकि यहां की एवरेज एनुअल फीस 7 लाख के करीब है.
प्राइवेट कॉलेजों का क्या है हाल
सीएमसी वेल्लोर की मीडियन रैंक प्राइवेट कॉलेजों के नाम पर सबसे ऊपर है – 18832. इसके बाद नाम आता है महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज हरियाणा का. इसकी मीडियन रैंक है 20531. इस लिस्ट में तीसरा नाम एमजीआईएमएस – वर्धा का है जिसकी रैंक 23598 है और जिसे सेंटर और स्टेट गवर्नमेंट से फंड मिलते हैं.
यह भी पढ़ें: IAF में निकली वैकेंसी के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट आज
शिक्षा ऋण की जानकारी:
शिक्षा ऋण ईएमआई की गणना करें