सर्पदंश विषनाशक : लगभग 5.4 मिलियन लोगों के साँप का शिकार होते हैं, जिनमें से 1.8 से 2.7 मिलियन मामले विषैले साँप द्वारा काटे के होते हैं। सांप के टुकड़े से लगभग 81,410 से 137,880 लोग मर गए। सबसे ज्यादा प्रभावित कृषि कर्मचारी और बच्चे होते हैं। बच्चों का शरीर छोटा होता है, इसलिए अधिक प्रभाव पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में कच्चे सांप काटने वाली मशीन से होने वाली रोटी और गरीबी का पात्र बहुत अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 से 2020 के बीच भारत में ही सांप काटने वाले से 12 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य की कमी का कारण सांप पर ठीक इलाज न मिल पाना एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा, कई देशों में साँप काटने वालों के मामलों के बारे में आँकड़े इकट्ठा करने की व्यवस्था नहीं है। WHO का कहना है कि सांप काटने वाली मशीन को तोड़ने के लिए एंटी-वेनम की रासायनिक सुरक्षा करना, स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देना और लोगों में जागरूकता फैलाना शामिल है। साथ ही दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाने पर भी फोकस करना जरूरी है।
सांप के काटने से शरीर में क्या होता है?
सांप काटने वाले के शरीर पर कई तरह के बुरे प्रभाव पड़ते हैं। काटने वाली जगह पर बहुत ज्यादा दर्द होता है और वहां सूजन आ जाती है। सांप का ज़हरीला खून में काला शरीर के अन्य मानक अब तक पाए गए हैं जिससे खून निकलना, कमजोरी और पक्षाघात जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जहर से घाव, दिल, किडनी और मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंग भी प्रभावित हो सकते हैं। कई बार तो कटे हुए हिस्सों को कोट किया जाता है। अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो सांप काटने से मौत भी हो सकती है।
WHO ने उठाया कदम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सांप से होने वाली साजिश और अपंगता पर गंभीर चिंता जताई है। WHO ने इस समस्या पर ध्यान देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने सांप काटने की समस्या पर काम करने के लिए एक टीम बनाई है। इस टीम ने 2030 तक स्नेक से होने वाली रेस और अपंगता को कम करने का लक्ष्य रखा है। WHO ने इसके लिए सांप काटने की मशीन की जांच की योजना बनाई है। इसमें लोगों को एकजुट करना, ठीक से इलाज करना, परिवार को मजबूत बनाना और पैसे की मदद करना शामिल है।
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