पाकिस्तान में कैसी होती है स्कूल की ड्रेस? क्या वहां हिजाब, बुर्का पहनना है अनिवार्य?

पाकिस्तान में कैसी होती है स्कूल की ड्रेस? क्या वहां हिजाब, बुर्का पहनना है अनिवार्य?


भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए, लेकिन आज दोनों देशों में काफी फर्क है. दरअसल, पाकिस्तान में एक धर्म विशेष को लेकर कई नियम बनाए गए हैं जबकि भारत में ऐसा कुछ नहीं है. इसी वजह से से भारत और पाकिस्तान की व्यवस्थाएं काफी अलग-अलग है. ऐसे में आज बात करते हैं पाकिस्तान के स्कूलों की और जानने की कोशिश करते हैं कि वहां की पढ़ाई किस तरह से अलग है और स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर क्या नियम है. भारत में कई लोगों के मन में सवाल है कि वहां की स्कूलों में किस तरह की यूनिफॉर्म होती है और छात्राओं के लिए क्या नियम तय किए गए हैं. तो जानते हैं इन्हीं सभी सवालों के जवाब…

स्कूल में क्या पहनते हैं बच्चे? 

पाकिस्तान की स्कूलों में अलग अलग यूनिफॉर्म कोड है. जैसे भारत में स्कूलों में सिर्फ शर्ट पैंट या टी-शर्ट पैंट यूनिफॉर्म में होती है, वैसे पाकिस्तान में नहीं है. यहां प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की यूनिफॉर्म में कलर, डिजाइन अलग हो सकती है, लेकिन स्कूलों में पैंट, शर्ट आदि ही यूनिफॉर्म में होती है. पाकिस्तान में कुछ स्कूलों में तो शर्ट, पैंट आदि यूनिफॉर्म होती है, लेकिन कई स्कूलों में कुर्ते-पजायमा आदि यूनिफॉर्म का हिस्सा होते हैं. इसके साथ ही इन दोनों यूनिफॉर्म में बहस जारी है और लोग अलग अलग यूनिफॉर्म की पैरवी करते हैं. 

पाकिस्तान कुर्ते पजायमे में बहस

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान की ज्यादातर प्राइवेट स्कूल में शर्ट-पैंट यूनिफॉर्म के रुप में है जबकि सरकारी स्कूलों में कुर्ते पजायमा ही स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा है. ऐसे में कई बच्चे सरकारी स्कूल के स्टूडेंट से अलग दिखने के चक्कर में शर्ट पैंट पहनना पसंद करते हैं और बच्चों को शर्ट-पैंट पहनकर तैयार होना अच्छा लगता है. लेकिन, कुछ पैरेंट्स और बच्चे कुर्ते पजायमे को कल्चर हिस्सा मानते हुए और धर्म से जोड़कर देखते हैं और स्कूल में भी ये ही पहनना पसंद करते हैं. 

क्या हिजाब आदि को लेकर कोई नियम है?

पाकिस्तान में हाल में सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूल मालिकों को कहा गया था कि वो स्कूलों में कुरान की पढ़ाई जरूर करवाएं. इसके साथ एजुकेशन मिनिस्टर ने ये भी कहा था कि अब यूनिफॉर्म में बदलाव  की आवश्यकता है और अगर ये नियम लागू होता है तो वहां की ड्रेस में लड़कों के लिए टोपी और लड़कियों के लिए दुपट्टा या स्कार्फ अनिवार्य हो जाएगा. हालांकि, ये भी कहा जा रहा है ये सिर्फ उन्हीं वक्त के लिए जरूरी होगा, जब कुरान की पढ़ाई करवाई जाए.  

टीचर के लिए भी है नियम

बच्चों के साथ ही टीचर के लिए भी कपड़ों को लेकर नियम है. फेडरल डायरेक्ट्रेट ऑफ एजिकेशन के अनुसार, स्कूल में महिला टीचर्स को टाइट कपड़े और जींस पहनने के लिए मना किया गया है. अब टीचर्स को पर्सनल हाइजीन, हेयरकट, दाढ़ी काटने, नाखून काटने आदि का भी खास ध्यान रखना होगा. 

ये भी पढ़ें- ट्रेन में CCTV कैमरा भी नहीं होता, फिर पुलिस को कैसे पता चलता है कि किस कोच में चेन खींची गई है?



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *