पेपर लीक विरोधी कानून: देश में इस वक्त कोई चर्चा में है तो वो है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी. नीट यूजी परीक्षा के स्कोर कार्ड जारी होने के बाद से ही देश भर के लाखों स्टूडेंट्स और उनके समर्थन में राजनीतिक दल सड़कों पर हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट में है साथ ही एनटीए ने डीजी सुबोध कुमार को हटा दिया और उनके स्थान पूर्व आईएएस प्रदीप सिंह खरोला को नियुक्त किया है. इसके अलावा देश में पेपर लीक जैसे घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एंटी पेपर लीक कानून लाया गया है. आइए जानते हैं इस कानून का छात्रों पर क्या असर पड़ेगा.
दरअसल, नीट यूजी के पेपर लीक की खबरों के अलावा यूजीसी नेट का पेपर भी बीते दिनों में लीक हो गया था. जिसके बाद एजेंसी ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था. शिक्षा मंत्री ने बताया था कि पेपर डार्क वेब पर लीक हो गया था. इसके अलावा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने CSIR यूजीसी नेट और नीट पीजी जैसी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया. इसके अलावा देश भर के किसी ना किसी राज्य में पेपर लीक जैसी घटनाएं बीते दिनों सामने आम हो गया है. जिसके बाद अब इस कानून को लागू करना आवश्यक नजर आ रहा था.
परीक्षा पेपर लीक और आंसर शीट से छेड़छाड़ करने वालों पर केंद्र सरकार का नया कानून लागू होगा. इस कानून के तहत दोषियों को कम से कम 3-5 साल जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है. संगठित अपराध में शामिल लोगों को 5 से 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही, कम से कम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यह कानून संगठित अपराध को रोकने और अपराधियों को सजा दिलाने में मदद करेगा.
इस कानून में प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को छूट दी गई है. इस विधेयक का उद्देश्य उन लोगों को रोकना है जो धांधली करके बच्चों और देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार एंटी-पेपर लीक कानून एक सकारात्मक कदम हो सकता है जो परीक्षाओं की निष्पक्षता और ईमानदारी सुनिश्चित करने में मदद करेगा.
ये परीक्षा कानून के दायरे में
- संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)
- कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी)
- रेलवे भर्ती परीक्षा
- आईबीपीएस भर्ती एग्जाम
- राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), आदि.
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