विजया एकादशी 2024: शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माण्ड का व्रत करने से शरीर, मन, आत्मा की शुद्धि होती है। साधक को अलौकिक शक्ति प्राप्त होती है। एक माह में दो एकादशी व्रत आते हैं। हर एकादशी का अपना महत्व होता है।
25 फरवरी से फाल्गुन मास प्रारंभ हो रहा है, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया के नाम से जाना जाता है। अपने नाम का स्वरूप विजया वडोदरा व्रत व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय मिलता है। जानें विजया एकादशी 2024 की तिथि, पूजा महोत्सव, व्रत पारण समय और महत्वपूर्ण।
विजया एकादशी 2024 तिथि (विजया एकादशी 2024 तिथि)
विजया एकादशी व्रत 6 मार्च 2024, बुधवार को है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा और व्रत रखने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। यह व्रत एकादसी पर सूर्योदय से प्रारंभ होकर अगले दिन द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद समाप्त होता है।
विजया एकादशी 2024 मुहूर्त (विजया एकादशी 2024 मुहूर्त)
पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी 6 मार्च 2024 को प्रातः 06 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन 7 मार्च 2024 को प्रातः 04 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी.
- विष्णु पूजा समय – प्रातः 06:41 – प्रातः 09:37
विजया एकादशी 2024 व्रत पारण समय (विजया एकादशी 2024 व्रत पारण समय)
विजयादशमी का व्रत पारण 7 मार्च 2024 को दोपहर 01:43 से शाम 04:04 तक किया जाएगा। पारण तिथि हरि वासर का समापन प्रातः 09:30 बजे होगा।
विजया एकादशी महत्व (विजया एकादशी महत्व)
पुराणों के अनुसार श्रीराम स्वयं विष्णु के अवतार थे, लेकिन अपनी लीलाओं के लिए मोक्ष मार्ग पर चलकर उन्होंने विष्णु भगवान के निमित्त इस व्रत को किया। विजय की कामना वाला इस पद को लेकर अनंत फल का भागी बन सकता है। श्री ब्रह्माजी ने नारदजी से कहा था कि जो इस व्रत का महात्म्य श्रवण करता है या उसे प्रसन्न करता है, उसे वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
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