उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने रविवार को समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों के लिए परीक्षा का पेपर लीक करने में कथित संलिप्तता के आरोप में एक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सहित एक गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ ने एक बयान में कहा कि ये गिरफ्तारियां प्रयागराज में की गईं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित यह परीक्षा 11 फरवरी को पूरे राज्य में आयोजित की गई थी।
राज्य सरकार ने प्रश्नपत्र लीक होने की रिपोर्ट आने के बाद 2 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी थी।
Those arrested are — Sunil Raghuvanshi, a resident of Bhopal in Madhya Pradesh and a printing press worker, Subhash Prakash, a resident of Madhubani in Bihar, Vishal Dubey and Sandeep Pandey (residents of Prayagraj), Amarjeet Sharma, a resident of Gaya (Bihar), and Vivek Upadhyay, a resident of Ballia.
एसटीएफ ने बताया कि उनके पास से एक लैपटॉप, छह मोबाइल फोन और पांच खाली चेक जब्त किए गए।
इससे पहले इस सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में आईपीसी की धारा 419 (रूप धारण करके धोखाधड़ी के लिए सजा), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करना), 34 (सामान्य इरादा), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या अपराधी को छिपाने के लिए गलत जानकारी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 1998 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
एसटीएफ ने यह भी बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उक्त परीक्षा का प्रश्नपत्र दो तरीकों से लीक हुआ था।
सबसे पहले इस प्रश्नपत्र को परीक्षा के दिन 11 फरवरी को परीक्षा शुरू होने से पहले करीब 06.30 बजे परीक्षा केंद्र से ही लीक कर दिया गया था, जिसे बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज प्रयागराज के परीक्षा कार्य को देखने वाले कमलेश कुमार पाल उर्फ केके, डॉ. शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अरुण सिंह और अर्पित विनीत यशवंत द्वारा मोबाइल फोन की मदद से स्कैन करके लीक किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में सभी पांचों को उत्तर प्रदेश एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
एसटीएफ ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक करने का दूसरा तरीका प्रिंटिंग प्रेस से था। इसमें प्रेस का कर्मचारी सुनील रघुवंशी शामिल था।
उन्होंने बताया कि 3 फरवरी को रघुवंशी मशीन ठीक करने के बहाने प्रेस में आया था। मौका पाकर वह अपनी पीने की पानी की बोतल लेकर प्रेस से बाहर आया और उसमें प्रश्नपत्र छिपाकर बाहर ले आया।
वह प्रश्नपत्र अपने घर ले गया और वहीं रख दिया।
उन्होंने विशाल दुबे को इसकी जानकारी दी और दुबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को बताया।
इसके बाद इन लोगों के बीच तय हुआ कि 8 फरवरी को वे लोग कोमल होटल में अभ्यर्थियों और सॉल्वरों के साथ एकत्र होंगे। होटल में ही सॉल्वरों द्वारा प्रश्नपत्र हल किया जाएगा और अभ्यर्थियों को उसे पढ़कर सुनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और उसके गिरोह के सदस्यों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपये तय किए थे।
8 फरवरी को पूर्व नियोजित योजना के अनुसार विशाल दुबे पहले संदीप पांडे के साथ कोमल होटल पहुंचा। इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 06-06 फोटोकॉपी लेकर वहां पहुंचा।
पेपर लीक की खबरों के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 मार्च को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की भर्ती के लिए 11 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तब निर्देश दिया था कि छह महीने के भीतर परीक्षा दोबारा आयोजित की जाए।
मामले की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया।
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(इस स्टोरी को न्यूज18 स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और यह सिंडिकेटेड न्यूज एजेंसी फीड से प्रकाशित हुई है – पीटीआई)