नवरात्र में इस वजह से खाया जाता है सात्विक खाना, संत देते हैं ये लॉजिक

नवरात्र में इस वजह से खाया जाता है सात्विक खाना, संत देते हैं ये लॉजिक


नवरात्रि 2023: शरदीय राष्ट्रीय पर्व का आरंभ हो चुका है। इन शुभ 9 दिनों के दौरान भक्त मां दुर्गा का व्रत किया जाता है। कुछ लोग सिर्फ 2 दिन का व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग 9 दिन का व्रत करते हैं। इस 9 दिन के अंदर यह भी होता है कि भले ही हर व्यक्ति करे या नहीं लेकिन वह सात्विक खाना ही खाता है। कुछ लोग तो प्याज़, लहसुन, जड़ावत वाली मसाला, चाय, कॉफ़ी से भी काम लेते हैं। व्रत करने वाले लोग अनाज, नमक, कारखानेदार से लेकर ठेकेदार तक का काम करते हैं। लोग नवरात्रि के दौरान जगीरा, सामक के चावल, रागी, साबूदाना, सिंघाड़ा आटा, चौलाई का आटा पसंद करते हैं. ये खाद्य पदार्थ न केवल सात्विक हैं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक से भी भरपूर हैं। जड़ी-बूटियों, प्रोटीन, आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर, सात्विक आहार तंबाकू को दूर किया जा सकता है और शरीर को अच्छी तरह से पोषण दिया जा सकता है।

नवरात्र के दौरान सात्विक भोजन खाने के पीछे यह लॉजिक है

शरीर को डिटॉक्सिफाइ करना जरूरी है

सात्विक भोजन आम तौर पर वजनदार, पचाने में आसान और स्वादिष्ट, भारी वजन और मोटापे से मुक्त होता है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और पाचन तंत्र को आराम देने में मदद कर सकता है।

शरीर को पूरे दिन एनर्जेटिक लिखा है

सात्विक भोजन प्राकृतिक पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है और न्यूनतम रूप से होती है। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन पूरे दिन निरंतर ऊर्जा प्रदान कर सकता है और समग्र जीवन शक्ति बनाए रखने में मदद कर सकता है।

3. दिमाग शांत रहता है

ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन की सात्विकता मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देती है और मानसिक अस्थिरता को कम करती है। इस अवधि के दौरान ध्यान और प्रार्थना की अवधि विशेष रूप से चमत्कारी हो सकती है।

4. सारांश

सात्विक भोजन में अक्सर विभिन्न प्रकार के फल, बासी, मेवे होते हैं, बीज और टैग उत्पाद शामिल होते हैं। इस उपवास अवधि के दौरान पोषण सेवन बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

5. पाचन में सुधार

पाचन तंत्र के लिए सामान्यतः पाचन तंत्र को आसान बनाना आसान होता है, जो कि उपवास के दौरान पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। इससे ख़राब या पाचन संबंधी एसोसिएट्स से बचा जा सकता है।

6. इमोशनल स्थिरता

ऐसा माना जाता है कि सात्विक भोजन का मन पर शांत प्रभाव पड़ता है, जो लोग स्थिरता बनाए रखते हैं और उत्सव की अवधि के दौरान तनाव या चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं।

7. जागरूकता में वृद्धि

सरल, प्राकृतिक और असंसाधित खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करने से व्यक्ति क्या खाता है, इसके बारे में जागरूकता को बढ़ावा मिलता है, जिससे भोजन और उसके संसाधनों के साथ गहरा संबंध बनता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरकीबें और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ये भी पढ़ें: ग्लोबल हैंडवाशिंग डे: जान लें हाथ धोने का सही तरीका, बाकी हो जाएंगे गंभीर बीमारी के शिकार

नीचे स्वास्थ्य उपकरण देखें-
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करें

आयु कैलकुलेटर के माध्यम से आयु की गणना करें



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *