शीतकालीन स्वास्थ्य: ठंड का मौसम शुरू हो गया है। ठंड का मौसम यूं तो लोगों को अच्छा लगता है लेकिन सेहत की नजर इस मौसम में अपने साथ कई सारे खतरे लेकर आती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि समुद्र के मौसम में कुछ खास तरह की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत को बनाए रखना चाहिए। फ़्रीज़ जानते हैं कि समुद्र के मौसम में सर्दी की बीमारियों का ख़तरा बढ़ता है और इस ठंड के मौसम में लोगों को विशेष रूप से रहने की ज़रूरत होती है।
ठंड के मौसम में होने वाली बीमारी
मौसम में तरह-तरह के वायरस और एक्टिविस्ट हो जाते हैं। इस पुस्तक में सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके शरीर को बीमार कर दिया जाता है। इससे सांस संबंधी संक्रमण बहुत जल्दी और व्यापक तरीके से होता है। ऐसे में ठंड के साथ-साथ फेफड़ों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जिन लोगों की इम्युनिटी में कमी है, इस मौसम में भी निमोनिया का खतरा बढ़ रहा है। ठंड के मौसम में अवांछित और रूखी हवा से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस बीमारी जल्दी होती है। सब्जियों के मौसम में प्लास्टिक का दर्द भी तेजी से ट्रिगर होता है। जिन लोगों को पहले से सिर में दर्द रहता है या डायन होता है, इस मौसम में डायनोमिक अटैक का खतरा रहता है। इसके अलावा जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रहती है, उनका बीपी इस मौसम में सबसे ज्यादा बढ़ सकता है। वास्तविक तापमान के मौसम में टेरेम्पचर कम होने के कारण ब्लड वैसल्स मध्य रूप से अंतिम हो जाते हैं, जिससे बीपी बढ़ता है और रक्त के नालों में रक्त के सही फ्लो में परेशानी होती है।
परिजनों को रखना चाहिए खास ध्यान
मौसम के हिसाब से उन लोगों का खास ध्यान रखना चाहिए जो कि शेयर बाजार में हैं। ऐसे लोग जो हाई बीपी के शिकार हैं, उन्हें भी इस समय सावधानी बरतनी चाहिए। छोटे बच्चों और पेटी को इस मौसम में प्रारंभिक निमोनिया होता है, इस पेटी से छोटे बच्चों पर ध्यान देना चाहिए। जो लोग बीमार, ब्रोंकाइटिस या सांस संबंधी बीमारी के शिकार होते हैं, उन्हें भी इस मौसम में स्वास्थ्य को लेकर रहना चाहिए।
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