Wheat Production – Trending News Today India https://news.softspace.in Sun, 26 May 2024 10:23:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.4 https://i0.wp.com/news.softspace.in/wp-content/uploads/2023/08/cropped-cropped-news-high-resolution-logo-color-on-transparent-background.png?fit=32%2C32&ssl=1 Wheat Production – Trending News Today India https://news.softspace.in 32 32 223874503 इस बार कैसी रहेगी गेहूं की पैदावार, इस बार कितना महंगा होने की है उम्मीद? https://news.softspace.in/how-will-be-the-wheat-production-this-time-how-expensive-is-it-expected-to-be-this-time/ https://news.softspace.in/how-will-be-the-wheat-production-this-time-how-expensive-is-it-expected-to-be-this-time/#respond Sun, 26 May 2024 09:12:35 +0000 https://news.softspace.in/%e0%a4%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a5%82%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80/

Wheat Production: भारत गेहूं का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. पहले नंबर पर इस मामले में चीन है. वहीं गेहूं की खेती के बारे में बात की जाए तो. इस मामले में पहले स्थान पर रूस, दूसरे स्थान पर अमेरिका तो वहीं तीसरे स्थान पर चीन आता है. गेहूं की खेती के मामले में भारत का नंबर चौथा है. भारत में अगर गेहूं की खेती देखी जाए तो सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश राज्य में की जाती है.

तो वहीं इसके बाद मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान का नंबर आता है. भारत में अगर पिछले साल की बात की जाए तो तकरीबन 110 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ है. क्या है इस साल की पैदावार का हाल. कितना महंगा हो सकता है इस बार गेहूं. चलिए जानते है. 

कितनी हो सकती है इस साल पैदावार ?

भारत में गेहूं की पैदावार को देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है.  लेकिन इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल काफी प्रभावित हुई है. लेकिन पंजाब में इस बार भी गेहूं की पैदावार काफी अच्छा होने का अनुमान बताया गया है. पंजाब में साल प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल गेहूं हो सकती है. इस साल की कुल पैदावार की बात की जाए तो वह  11 करोड़ 21.8 लाख टन होने का अनुमान है.  

इस साल गेहूं की औसत उपज करीब 20 से 24 क्विंटल प्रति एकड़ है. जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है पिछले साल की बात की जाए तो यह 18 क्विंटल प्रति एकड़ तक ही सीमित थी. भले ही कुछ राज्यों में बारिश और मौसम के प्रभाव के चलते गेहूं की पैदावार प्रभावित हुई है. लेकिन बावजूद उसके पंजाब और उत्तर प्रदेश में इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार हो सकती है.  

कितना महंगा हो सकता है गेंहू?

केन्द्र सरकार ने साल 2024-25 के फाइनेंशियल ईयर में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय की है. अगर पिछले साल की तुलना में इसे देखा जाए तो यह डेढ़ सौ रुपये ज्यादा है. लेकिन सरकारी भाव के अलावा बाहर बाजार में फिलहाल गेहूं का भाव 2,380 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है. 

यह वजह है कि किसान सरकारी गोदाम बजाय ओपन मार्केट में गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं. इसी के चलते सरकार की खरीद भी प्रभावित हो रही है. इसी वजह से सरकार का गेहूं का स्टॉक पूरा नहीं हो पाया है. इस साल 1 अप्रैल के ओपन मार्केट की बात की जाए तो स्टॉक पिछले 16 सालों के सबसे निचले स्तर पर चला गया है.  

अप्रैल के महीने में गेहूं की खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 6.02% हो गई है. जबकि मार्च में बात की जाए तो यह दर 4.74% थी. उपभोक्ता विभाग के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की कुदरा कीमत 28 रुपये प्रति किलोग्राम है. जो कि पिछले कई महीनों से इतनी ही बनी हुई है. यानी कहें तो दाम फिलहाल स्थिर हैं. लेकिन इनके बढ़ने के असर जरूर नजर आते हैं 

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क्या है इस बार की गेहूं की पैदावार का हाल, किस दाम पर हो रही खरीद? https://news.softspace.in/what-is-the-condition-of-wheat-production-this-time-and-at-what-price-is-it-being-purchased/ https://news.softspace.in/what-is-the-condition-of-wheat-production-this-time-and-at-what-price-is-it-being-purchased/#respond Sun, 05 May 2024 10:39:47 +0000 https://news.softspace.in/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a5%82%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa/

Wheat Procurement: भारत में बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती की जाती है. गेहूं की खेती के मामले में दुनिया में भारत चौथे स्थान पर आता है. पहले स्थान पर रूस तो वहीं दूसरे स्थान पर अमेरिका और तीसरा स्थान चीन का है. भारत में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा गेहूं की खेती की जाती है.  

उत्तर प्रदेश में कुल खेती में से 32.42 फीसदी गेहूं की खेती की जाती है. इस साल देखा जाए तो गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल के मुकाबले कम हुई है. चलिए जानते हैं पिछले साल से लेकर इस साल गेहूं की खरीद में कितना रहा है फासला. फिलहाल किसी कीमत पर खरीदा जा रहा है गेहूं. 

पिछले साल से इस साल 11% कम हुई है खरीद

भारत सरकार ने 2024-25 के मार्केटिंग ईयर में 196 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद है. लेकिन इस साल की अबतक की खरीद की तुलना अगर पिछले साल की खरीद से करें तो 11% कम है. पिछले साल इस दौरान सरकार ने  219.5 लाख टन से ज्यादा की खरीद की थी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनिसार सरकार की योजनाओं के तहत सालाना 186 लाख टन गेंहू की आवश्यकता होती है. 

लेकिन आवश्यकता से ज्यादा 196 लाख टन गेंहू खरीदा जा चुका है. सरकार की ओर से खाद्य सामग्री की खरीद कर देखरेख करने वाली संस्था भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई ने बताया कि अब गेहूं के बफर स्टॉक को 2024-25  के सीजन में बढ़ाकर 310-320 लाख टन खरीद का लक्ष्य पूरा करना है. 

एफसीआई के अध्यक्ष ने अब तक हुई कम खरीदी को लेकर बताया कि गेहूं के उत्पादन मामले में भारत के दो प्रमुख राज्य मध्य प्रदेश और पंजाब में गेहूं की खरीद कम हुई है. लेकिन अब पंजाब और हरियाणा में गेहूं सही मात्रा में आवक हो रही है. अगले कुछ समय में अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.  

किस भाव में खरीदा जा रहा है? 

सरकार ने 2024-25 के फाइनेंशियल ईयर में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय की है. पिछले साल की तुलना में इस साल या डेढ़ सौ रुपये ज्यादा है. लेकिन सरकारी भाव के अलावा बाहर बाजार में फिलहाल गेहूं का भाव 2,385.64 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है. इसलिए किसान सरकारी गोदाम में गेहूं बेचने के बजाय खुले मार्केट में गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं. इसी के चलते सरकार की खरीद भी प्रभावित हो रही है. 

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क्या गर्मी से पड़ेगा गेहूं के उत्पादन पर असर, जानिए इस बार कैसी रहेगी गेहूं की पैदावार https://news.softspace.in/will-heat-affect-wheat-production-know-how-wheat-production-will-be-this-time/ https://news.softspace.in/will-heat-affect-wheat-production-know-how-wheat-production-will-be-this-time/#respond Tue, 02 Apr 2024 16:04:26 +0000 https://news.softspace.in/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a5%82/

इस साल भी गर्मी काफी अधिक पड़ने की संभावना है. जिसकी शुरुआत भी बीते दिनों हो चुकी है. मौसम का पारा हाई हो चुका है. जिसका असर आम लोगों से लेकर किसानों तक सब पर पड़ सकता है. एक तरफ आम लोग भीषण गर्मी से परेशान रह सकते हैं तो दूसरी तरफ किसानों की फसलें भी तपिश का शिकार हो सकती हैं. आने वाले समय में गर्मी का असर सबसे अधिक गेहूं पर देखने को मिल सकता है. जिससे इसकी पैदावार भी गड़बड़ा सकती है.

भारत में बहुत बड़ी मात्रा में गेहूं की खेती की जाती है.  लेकिन ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से ये प्रभावित हो सकती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो ज्यादा गर्मी के चलते गेहूं की चमक और क्वालिटी पर असर पड़ सकता है. ऐसे में किसान भाई फसल को बचाने के लिए हल्की सिंचाई की मदद ले सकते हैं. लेकिन जब हवा का प्रवाह तेज हो तो सिंचाई न करें. किसान भाई दोपहर के समय सिंचाई करेंगे तो फसल के लिए अच्छा रहेगा. इससे खेत में नमी बनी रहेगी और फसल पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.

रोग लगने का खतरा

अधिक गर्मी की वजह से फसल में पीला रतुआ रोग लगने की संभावना भी बढ़ जाती है. इसलिए किसान गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग की नियमित निगरानी करनी चाहिए. अगर खेत में पीला रतुआ रोग से संक्रमित कोई पौधा दिखे तो उसे तुरंत खेत से हटा दें. इस वजह से दूसरा पौधा भी खराब हो सकता है.

इतनी है उम्मीद

भारत में इस वर्ष रिकॉर्ड 112.5 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की आशा है. जो समय पर और रिकॉर्ड बुवाई के कारण है. घरेलू मांग, सरकारी गेहूं स्टॉक में कमी और कमजोर वैश्विक कीमतों के कारण 2 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं के आयात का अनुमान भी है.

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