![राम ने आजीवन किया ‘मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव, अतिथि देवो भव’ का पालन, तभी कहलाएं पुरुषोत्तम राम ने आजीवन किया 'मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव, अतिथि देवो भव' का पालन, तभी कहलाएं पुरुषोत्तम](https://i0.wp.com/news.softspace.in/wp-content/uploads/2024/01/राम-ने-आजीवन-किया-मातृ-देवो-भव-पितृ-देवो-भव.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
राम ने आजीवन किया ‘मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव, अतिथि देवो भव’ का पालन, तभी कहलाएं पुरुषोत्तम
पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि अर्थात 22 जनवरी 2024 जैसे-जैसे निकट आ रही है देश का वातावरण राममय होता जा रहा है. जहां तक राम जन्मभूमि अयोध्या की बात है तो यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि वह उस अनुभव का साक्षात्कार कर रही है जो त्रेतायुग में हुआ होगा. देशभर…