तप, त्याग और क्षमापना के महापर्व पर्युषण पर्व पर इन शुभकामनाओं का संदेश देवालय को भेजा जाता है

तप, त्याग और क्षमापना के महापर्व पर्युषण पर्व पर इन शुभकामनाओं का संदेश देवालय को भेजा जाता है


पर्युषण पर्व 2023 शुभकामनाएँ: हर साल भाद्रपद माह में जैन धर्म के श्वेतांबर और दिगंबर समाज के लोगों द्वारा पर्यूषण पर्व मनाया जाता है। इस साल 12 सितंबर 2023 को इसकी शुरुआत हुई और 19 सितंबर 2023 को इसका समापन होगा।

दिगंबर जैन का पर्यूषण पर्व 10 दिन तक चलता है और श्वेतांबर जैन के लोग इस पर्व को 8 दिन तक मनाते हैं। पर्यूषण के पांच कर्तव्य संवत्सरी, केशलोचन, प्रतिक्रमण, तपश्रर्या और आलोचना व क्षमायाचना हैं। यह पर्व मित्रता की महत्ता को बताता है और इस पर चलना सिखाता है। यह सिद्धांत है कि, जैन धर्म की मान्यता पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पर्युषण पर्व पर आप अपने करीबी, दोस्तों और दोस्तों को इसकी शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो इन बधाई के माध्यम से दे सकते हैं।

दुनिया बहुत छोटी है पर हर पेज पर गलतियाँ हैं बहुत….
– जाने अनजाने घटना से आपको अगर दुख हुआ हो
तो क्षमा करें निवेदन… मिच्छामि दुक्कदम!!!

आत्मा को परमात्मा बनाने का,
राग पर विराग की विजय का तथा
अंधकार से प्रकाश की ओर वृद्धि का महापर्व है

पैसे हवस ने आज के आदमी को अँधेरा बना दिया है।
ये पार्ट मैन को सिखाया जाता है कि लाइफ में पैसा ‘कुछ’ हो सकता है,
‘बहुत कुछ’ भी हो सकता है लेकिन
‘सब कुछ’ नहीं हो सकता.

पर्युषण का आगमन है,
धर्म ध्यान की रुत है,
धर्म करो कर्म को तोड़ो,
यही संदेश दुनिया को दो,
“जियो और जियें दो”
अहिंसा परमो धर्म
जय जिनेन्द्र

पर्युषण पुरुषार्थ का पर्व है
तीसरा पर्व भोग के पर्व हैं
यह त्याग का पर्व है
मन से, वचन से और काय से त्यागने का पर्व
सब मिलजुल कर इसे मनाएं
पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ

ये पर्व हमारे मन की गुड़िया का
अहिंसा के मार्ग पर चलने का
राग द्वेष रॉकेट का और
धर्म के मार्ग पर चलना का
जय जिनेन्द्र
पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ..

फूल कभी दो बार नहीं खिलता
जन्म कभी दो बार नहीं
यूँ मिलाने को मिल जाता है जनम हजारों
मगर जैन धर्म बार-बार नहीं
पर्युषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ

नवकार मेरी आत्मा है
जैन धर्म मेरा विश्वास है
गुरुदेव मेरा प्राण है
मोक्ष की मुझे तलाश है
शुभ पर्युषण पर्व

ये भी पढ़ें: गणपति स्थापना 2023 मुहूर्त: गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को, जानें गणपति स्थापना का शुभ आह्वान, विधि और मंत्र

अस्वीकरण: यहां संस्थागत सूचनाएं सिर्फ और सिर्फ दस्तावेजों पर आधारित हैं। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *