गुरु तेग बहादुर जयंती 2024: सिखों के 9 वें गुरु, गुरु तेगबहादुर का जन्म वैशाख पंचमी 21 अप्रैल 1621 को हुआ था। पिता ने जन्म के समय उन्हें त्यागमल नाम दिया था लेकिन 14 साल की उम्र में ऐसी वीरता दिखाई दीं कि उन्हें सबसे बड़ा गुरु तेग बहादुर के नाम से बुलाया जाने लगा। गुरु तेग बहादुर जी ने भारतीय धर्म संस्कृति हिंदू-हिंदुत्व और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए काफी संघर्ष किया।
गुरु तेगबहादुर के 57 शब्द और 59 श्लोक श्री गुरुग्रंथ साहब में दर्ज हैं, गुरु तेग बहादुरी के अनमोल विचार आज लोगों को प्रेरित करते हैं और जीवन जीने का सही तरीका बताते हैं। गुरु तेग बहादुर की जयंती पर जानें उनके मोटिवेशनल कोट
गुरु तेग बहादुरी के अनमोल विचार
- सफलता कभी अंतिम नहीं होती, असफलता कभी घातक नहीं होती। इनमें जो उल्लेख है वह है वो साहस।
- गुरु तेग बहादुर कहते हैं कि डर कहीं और नहीं, बस आपके दिमाग में होता है।
- गुरु तेग बहादुर के अनुसार वह एक सज्जन व्यक्ति होता है, जो कभी भी किसी की भावनाओं को जाने या अनजाने में नहीं दे पाता है।
- आध्यात्मिक मार्ग पर दो सबसे कठिन परीक्षण हैं, सही समय की प्रतीक्षा करने का साहस और जो सामने आया निराश ना का साहस।
- सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर ने कहा कि हर जीव के लिए अपने मन में दया का भाव रखना, लेकिन घृणा और अपमान से केवल विनाश होता है। किसी से प्रगति से प्रेम करना आपको साहस देता है।
- हारो और जीतो आपकी सोच पर प्रतिबंध है, माव लो तो हार है अच्छा लो तो जीतो।
- गलतियां हमेशा माफ़ की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
- गुरु तेग बहादुर का कथन था कि छोटे-छोटे कार्यों से ही महान कार्य बनाये जाते हैं।
- गुरु जी का कथन है कि चिंता उसकी करो, जो अनहोनी हो-‘चिंता ताकी अहोनी जो अनहोनी होय’. इस दुनिया में तो कुछ भी स्थिर नहीं है. गुरु तेग बहादुरी के अनुसार, समरसता सहज जीवन जीवन का सबसे मजबूत आधार है।
- नह निंदिया नहिं उसतति जाकै लोभ मोह अभिमाना। ‘हरख सोग ते रहै नीरौ नहीं मन अपमाना’। गुरु जी का कहना है कि वैराग्यपूर्ण दृष्टि से संसार में सभी सकारात्मक-नकारात्मक भावों से परिपूर्ण होकर ही सुखी और सहज जीवन जिया जा सकता है।
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