सीबीएसई नई शिक्षा नीति: हाल ही में सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी ने कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है. सीबीएसई ने परीक्षा की पद्धति में बदलाव करते हुए योग्यता पर आधारित सवालों में बढ़ोतरी की है और जो सामान्य सवाल हैं उनके प्रतिशत को कम कर दिया है. सीबीएसई के इस फ़ैसले से करोड़ों छात्रों पर प्रभाव पड़ेगा. चलिये जानते हैं परीक्षा पद्धति में क्या-क्या हुए हैं बदलाव.
12वीं के परीक्षा पैटर्न में हुए बदलाव
सेंट्रल बोर्ड के सेकेंडरी एजुकेशन ने 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम के पैटर्न में बदलाव किए हैं. यह बदलाव है नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2000 के तहत किया गया है. इस बदलाव को अगले सेशन में साल 2024-2025 से लागू किया जाएगा. इस नई पाॅलिसी के तहत 12वीं के बोर्ड पेपर में अब कॉन्पीटेंसी के सवाल 50 प्रतिशत होंगे.
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत अब ऑब्जेक्टिव टाइप के साथ-साथ ही केस स्टडी पर आधारित सवाल पूछे जाएंगे. इस नए पैटर्न से छात्रों की एनालिसिस क्षमता को जांचा जाएगा. फिलहाल जो एक्जाम पैटर्न फाॅलो किया जा रहा है. उसमें कॉन्पीटेंसी को लेकर 40 फीसदी सवाल आते थे. इस बदलाव के तहत अब नॉलेज बेस्ड सवाल 40 फीसदी से 30 फीसदी कर दिया गया है.
क्यों किया गया यह बदलाव
सेंट्रल बोर्ड के सेकेंडरी एजुकेशन के डायेक्टर जोसेफ इमैनुअल ने इस फैसले को लेकर बात करते हुए बताया कि ‘बोर्ड एक ऐसा शैक्षिक इकोसिस्टम बनाने पर फोकस कर रहा है, जिसका मकसद रटने के बजाय सीखने पर जोर दिया जाए और छात्रों की रचनात्मक सोच क्षमताओं को विकसित किया जा सके, ताकि वे 21वीं सदी की चुनौतियों से निपट सकें.’ उन्होंने आगे बात करते हुए बताया कि 9वीं-10वीं क्लास की परीक्षा पैटर्न में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा.
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