दिल्ली विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश 2024: दिल्ली यूनिवर्सिटी के पीएचडी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. डीयू इस एकेडमिक सेशन यानी साल 2024-25 के पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं करेगा बल्कि यूजीसी नेट परीक्षा के स्कोर के आधार पर ही कैंडिडेट्स को एडमिशन मिलेगा. ये प्रवेश तीन कैटेगरी के अंतर्गत होंगे, जिनका डिटेल हम आगे साझा कर रहे हैं.
नेट के लिए करें आवेदन
डीयू से पीएचडी करना चाहते हैं तो यूजीसी नेट परीक्षा के लिए जरूर आवेदन कर दें. अप्लाई करने की लास्ट डेट एक बार फिर आगे बढ़ा दी गई है और रजिस्ट्रेशन अभी चल रहे हैं. इस परीक्षा के स्कोर के बेसिस पर ही आपको डीयू के रिसर्च प्रोग्राम में प्रवेश मिलेगा. अब लास्ट डेट 19 मई 2024 कर दी गई है.
परीक्षा प्लस इंटरव्यू से होगा सेलेक्शन
डीयू के पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन के लिए केवल नेट परीक्षा के मार्क्स मान्य नहीं होंगे बल्कि एक बड़ा हिस्सा इन अंकों को दिया जाएगा. साफ तौर पर बताएं तो 70 प्रतिशत वेटेज नेट के स्कोर को और 30 प्रतिशत वेटेज इंटरव्यू को दिया जाएगा. दोनों के ही आधार पर फाइनल स्कोर तैयार होगा और प्रवेश मिलेगा.
तीन कैटेगरी में मिलेगा एडमिशन
यूजीसी के इस नियम को जिसमें उसने कहा था कि पीएचडी के लिए अलग-अलग परीक्षा न होकर एक कॉमन परीक्षा (नेट) आयोजित हो, का पालन डीयू इसी साल से कर रहा है. इसके तहत तीन कैटेगरी में एडमिशन होंगे. पहली कैटेगरी जेआरएफ यानी जूनियर रिसर्च फैलो की होगी.
दूसरी कैटेगरी असिस्टेंट प्रोफेसर की और तीसरी सिंपल पीएचडी में एडमिशन की होगी. यूजीसी नेट के स्कोर के आधार पर इन तीनों कैटेगरी में कैंडिडे्टस को एडमिशन मिलेगा.
यहां से पता करें डिटेल
इस बारे में डिटेल या अपडेट पता करने के लिए आप डीयू की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं, जिसका पता ये है – प्रवेश.यूओडी.एसी.इन. यहां से आप विस्तार में जानकारी पा सकते हैं.
ये भी जान लें कि जिन विषयों के लिए यूजीसी नेट परीक्षा आयोजित नहीं होती है उनके लिए यूनिवर्सिटी अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकती है. इस बारे में अपडेट आप ऊपर दी वेबसाइट से जान सकते हैं. इसके साथ ही एनटीए की वेबसाइट भी देखते रहें. यहां पूरी जानकारी साझा की जाएगी.
अलग-अलग एग्जाम नहीं होंगे
यूजीसी का कहना है कि इस प्रकार एडमिशन लेने से बहुत से एग्जाम्स की जरूरत को खत्म किया जा सकता है. अभी हर यूनिवर्सिटी का प्रवेश का तरीका अलग है और हर कोई अपनी प्रवेश परीक्षा लेता है. नेट के स्कोर को वैलिड करने से इसी का इस्तेमाल किया जा सकेगा और अलग-अलग परीक्षाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी. डीयू इसे लागू कर रहा है.
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