NEET UG row: 6 from Nalanda including a wanted detained in Jharkhand, EoU submits report on paper leak to Ministry

NEET UG row: 6 from Nalanda including a wanted detained in Jharkhand, EoU submits report on paper leak to Ministry


एक और सफलता तब मिली जब नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को देवघर से एक मुख्य संदिग्ध चिंटू समेत छह लोगों को हिरासत में लिया और उन्हें गहन पूछताछ के लिए पटना ले आई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ईओयू की यह कार्रवाई झारखंड पुलिस की मदद से की गई।

बिहार पुलिस की ईओयू ने शनिवार को देवघर से मुख्य संदिग्ध चिंटू समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया और गहन पूछताछ के लिए उन्हें पटना ले आई। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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अब तक बिहार से पेपर लीक मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आज छह और लोगों की हिरासत से इस बारे में और जानकारी सामने आएगी कि पहले गिरफ्तार किए गए लोगों ने पेपर लीक को कैसे अंजाम दिया। ईओयू के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम देवघर से पकड़े गए छह और लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। जैसे ही हमें और सबूत मिलेंगे, और गिरफ्तारियां होंगी।”

मामले से परिचित ईओयू के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि हिरासत में लिए गए सभी लोग नालंदा जिले के हैं और देवीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एम्स, देवघर के पास झुनू सिंह नामक व्यक्ति के किराए के मकान में रह रहे थे। उनकी पहचान चिंटू उर्फ ​​बलदेव कुमार, परमजीत सिंह उर्फ ​​बिट्टू, पंकू कुमार, काजू उर्फ ​​प्रशांत कुमार, अजीत कुमार और राजीव कुमार उर्फ ​​करू के रूप में हुई है।

पुलिस ने बताया कि कराई-परसुराय निवासी चिंटू मुख्य संदिग्धों में से एक है, जो फरार चल रहे संजीव सिंह उर्फ ​​लूटन मुखिया का बेहद करीबी है।

सूत्रों ने बताया कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ईओयू की जांच से पता चला है कि नीट प्रश्नपत्र लीक हजारीबाग (झारखंड) के एक केंद्र से हुआ था और प्रश्नपत्र एक अपराधी ने नीट परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को मोबाइल फोन के जरिए चिंटू को भेजा था।

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उल्लेखनीय है कि 5 मई को खेमनीचक में छापेमारी के दौरान पटना पुलिस को जला हुआ प्रश्नपत्र मिला था तथा वहां से बुकलेट संख्या 636488 बरामद हुई थी।

पटना पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुस्तिका हजारीबाग के एक परीक्षा केंद्र की थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने इस साक्ष्य के आधार पर प्रश्नपत्र लीक के स्रोत का पता लगाने के लिए हजारीबाग और झारखंड के अन्य स्थानों का पता लगाया है। शनिवार को ईओयू की एक टीम ने कर्मचारियों और स्टाफ के बयान दर्ज करने के लिए हजारीबाग का दौरा किया।

पुलिस ने कहा कि मुख्य संदिग्ध नीतीश कुमार सहित गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों ने कबूल किया है कि चिंटू 4 मई की रात को पटना जिले के खेमीचक स्थित एक प्ले स्कूल में मौजूद था।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति नीतीश कुमार ने अपने बयान में खुलासा किया कि जब वह अमित आनंद, रोशन और आशुतोष के साथ खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल परिसर में पहुंचा तो चिंटू उर्फ ​​बलदेव पहले से ही परिसर में मौजूद था।

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एक जांचकर्ता ने बताया, “चिंटू के अनुरोध पर पिंटू ने प्रश्नपत्र का प्रिंटआउट लिया और 4 मई को सुबह 9 बजे एमबीबीएस छात्रों की मदद से उसका उत्तर हल किया तथा उसे खेमनीचक में रह रहे 25-30 अभ्यर्थियों में बांट दिया, जो उसे याद करने के लिए वहां ठहरे हुए थे। पुलिस चिंटू के सहयोगी पिंटू की तलाश कर रही है, जो अभी भी फरार है।”

ईओयू के पास इस बात के सबूत हैं कि चिंटू रवि अत्री के गिरोह के लिए भी काम करता था। रवि अत्री को फरवरी में यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ईओयू पेपर लीक घोटाले के बारे में और सच्चाई सामने लाने के लिए अमित आनंद, नीतीश कुमार और चिंटू कुमार पर नार्को एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की मांग करेगी।

ईओयू ने पेपर लीक मामले की जांच रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंपी

जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रहे ईओयू ने शनिवार को अपनी विस्तृत जांच और स्थिति रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में 21 जून तक बिहार और आसपास के राज्यों में पेपर लीक मामले में की गई जांच के विभिन्न पहलुओं का ब्यौरा है तथा इसमें अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों और लीक मामले में शामिल गिरोहों के नाम भी हैं।

मामले से परिचित एक अधिकारी ने कहा, “हम केवल 5-6 पृष्ठों की अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। हमारी रिपोर्ट जांच, जब्ती, गिरफ्तार व्यक्तियों के बयानों पर आधारित होती है।” उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कोई व्यक्तिगत राय नहीं दी गई है।

सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में पूरे प्रकरण का विवरण भी है कि यह कैसे हुआ और इस मामले में कौन-कौन लोग शामिल थे। ईओयू के एक अधिकारी ने कहा कि जांच एजेंसी विभिन्न नए कोणों पर काम कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि रैकेट कैसे संचालित होता था और पेपर लीक मामले में विभिन्न बिचौलिए शामिल थे। एक अन्य अधिकारी ने कहा, “ईओयू और पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नीट पेपर सॉल्वर गिरोह को प्रश्नपत्र किस माध्यम से मिले।”

इसके अलावा, सूत्रों ने बताया कि ईओयू राजद नेता तेजस्वी प्रसाद के निजी सचिव प्रीतम कुमार के खिलाफ भी नोटिस जारी कर सकता है। उन पर जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु से कथित संबंध होने का आरोप है। सिकंदर प्रसाद यादवेंदु 5 मई को नीट परीक्षा के बाद पटना से गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक हैं। यादवेंदु के पास से कई एडमिट कार्ड और चेक बरामद किए गए हैं। यादवेंदु हाल ही में निलंबित होने से पहले दानापुर नगर परिषद में काम कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि यादवेंदु राजद नेता तेजस्वी के निजी सचिव प्रीतम के रिश्तेदार हैं।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, एजेंसी गिरफ्तार या फरार आरोपियों द्वारा एनईईटी मामले में कथित अनियमितताओं के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर सकती है। एजेंसी से अपराध की आय की पहचान करने और आरोपियों या संदिग्धों से संबंधित संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू करने की उम्मीद है।

एक अन्य घटनाक्रम में, शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने आज कहा कि उसने परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के कामकाज पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली 7 सदस्यीय समिति अगले दो महीनों में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।



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