एमपी-राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसी साल नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों के नतीजे काफी हद तक लोकसभा चुनाव की तस्वीर साफ करेंगे. यही वजह है कि सभी दलों ने इन चुनावों के लिए भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है.
इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा जिनकी चर्चा हो रही है, उनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश है, लेकिन इन दोनों ही राज्यों को लेकर जो सर्वे आए हैं, वो बीजेपी को परेशान करने वाले हैं. दरअसल, टाइम्स नाउ नवभारत ईटीजी ओपिनियन पोल ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की बात कही है. अगर नतीजे भी ऐसे ही आते हैं तो ये कई सवाल पैदा करते हैं. आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ सवाल और उनके जवाब.
मध्य प्रदेश का सर्वे क्या कहता है, पहले उसे जानें
मध्य प्रदेश के लिए किए गए सर्वे की मानें तो यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 42.80% वोट शेयर के साथ लगभग 102-110 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस को 43.80% वोटशेयर के साथ 118-128 सीटें मिलने की उम्मीद है. अन्य पार्टियों को 13.40% वोटशेयर के साथ 0-2 सीटें मिल सकती हैं.
राजस्थान के सर्वे पर भी डालें एक नजर
सर्वे में राजस्थान में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की बात निकलकर सामने आई है. सर्वेक्षण के अनुसार, दोनों पार्टियों का वोट शेयर 42 प्रतिशत से अधिक रह सकता है. यहां दोनों ही दलों के बीच सीटों का अंतर भी कम ही दिख रहा है. दोनों आसपास नजर आ रहे हैं.
कांग्रेस के लिए इस तरह होगी ये बड़ी जीत
अगर इन दोनों ही जगहों पर नतीजे सर्वे के मुताबिक आते हैं तो यह कांग्रेस के लिए बड़ी जीत होगी. दरअसल, बीजेपी लगातार इन दोनों जगहों पर जीत का दावा कर रही है. उसने यहां जीत के लिए अपने तमाम सीनियर नेताओं को भी उतार दिया है. यही नहीं, पार्टी नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर भी लोगों से वोट मांग रही है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस खुद को नए सिरे से खड़ा करने में लगी है. लंबे समय बाद पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी को नई जान देने में लगे हैं. इन सबसे अलग राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का झगड़ा किसी से छिपा नहीं है. मध्य प्रदेश में पिछली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जिस तरह बड़ी संख्या में विधायक चले गए थे वह काफी झटका देने वाला था. ऐसे में इतनी चुनौतियां होने और बीजेपी के पूरे खेमे के उतरने के बाद भी पार्टी अगर अच्छे नतीजे लेकर आती है तो वह लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है.
भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी हार
सर्वे के हिसाब से नतीजे आना बीजेपी के लिए बड़ी हार होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी ने मध्य प्रदेश में जहां अपने तीन सांसद और राष्ट्रीय स्तर के एक नेता को विधायक का टिकट दिया है, उससे पार्टी की स्थिति की चर्चा खूब हो रही है. पार्टी इसी फॉर्मूले को राजस्थान में लागू करना चाहती है. यानी वह जीत के लिए खुद भी कन्फर्म नहीं है. पार्टी नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को भी गिनाते हुए लोगों से वोट मांग रही है. ऐसी तमाम कोशिशों के बाद भी अगर नतीजे ऐसे आएंगे तो यह पार्टी के लिए बड़ी हार होगी.
लोकसभा के नतीजों पर ऐसे पड़ सकता है असर
विधानसभा के ऐसे नतीजे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के परिणामों को भी प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में यह बीजेपी के लिए और बड़ी परेशानी होगी. राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं. बीजेपी ने 2014 में यहां से सभी 25 सीटें जीतीं, जबकि 2019 में 24 सीटों पर जीत दर्ज की. अगर लोकसभा इलेक्शन में विधानसभा चुनाव जैसा वोट शेयर रहता है तो सीटों में कमी आ सकती है. वहीं, मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, 2019 में बीजेपी ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में यहां भी पार्टी की सीटें कम हो सकती हैं.
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