मारुति सुजुकी अगले 3 वर्षों में अक्षय ऊर्जा में 450 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

मारुति सुजुकी अगले 3 वर्षों में अक्षय ऊर्जा में 450 करोड़ रुपये का निवेश करेगी


मारुति सुजुकी इंडिया ने मानेसर स्थित अपने प्लांट में पायलट बायोगैस प्लांट शुरू कर दिया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, कंपनी अगले तीन वर्षों में अक्षय ऊर्जा पहलों पर लगभग 450 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी ने कहा, “यह पहल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के ‘कचरे से ऊर्जा’ कार्यक्रम के अनुरूप है।”

वित्त वर्ष 2023-24 में मारुति सुजुकी ने सौर ऊर्जा और बायोगैस जैसी अक्षय ऊर्जा पहलों को चालू करने के लिए 120.8 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसने निवेश को लगभग चार गुना बढ़ाकर 450 करोड़ रुपये कर दिया है। पायलट प्लांट को प्रतिदिन 0.2 टन बायोगैस उत्पादन के लिए डिज़ाइन किया गया है।

वित्त वर्ष 2024-25 में अनुमानित उत्पादन लगभग 1 लाख मानक क्यूबिक मीटर बायोगैस है। यह प्रति वर्ष लगभग 190 टन CO2 की भरपाई करेगा। पायलट बायोगैस प्लांट कंपनी की मानेसर सुविधा की विनिर्माण प्रक्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करेगा।

मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउची ने कहा, “जैसा कि हम 2030-31 तक अपनी उत्पादन क्षमता को लगभग 2 मिलियन से बढ़ाकर 4 मिलियन करने जा रहे हैं, हम अपने परिचालन में टिकाऊ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों में भी तेजी ला रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि यह सुजुकी के ‘पर्यावरण विजन 2050’ और सरकार के अक्षय ऊर्जा फोकस के अनुरूप है। टेकाउची ने कहा, “इस पायलट बायोगैस प्लांट से मिली सीख को हमारी आगामी विश्व स्तरीय विनिर्माण सुविधाओं में लागू किया जाएगा।” मारुति सुजुकी अपने मानेसर और खरखौदा संयंत्रों में सक्रिय रूप से हरित विनिर्माण प्रथाओं में बदलाव कर रही है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी सौर क्षमता को बढ़ाकर 43.2 MWp कर दिया है। इस बीच, यह अगले दो वर्षों में अपने मानेसर प्लांट में 15 MWp और आगामी खरखौदा प्लांट में 20 MWp सौर क्षमता जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इससे वित्त वर्ष 2025-26 तक कुल सौर क्षमता बढ़कर 78.2 MWp हो जाएगी।



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