एमपी लॉ यूनिवर्सिटी ने मासिक धर्म अवकाश को मंजूरी दी: पिछले काफी समय से मेनसुरल लीव की मांग उठ रही थी. आखिरकार मध्य प्रदेश की इस लॉ यूनिवर्सिटी ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है और अब यहां की महिला स्टूडेंट्स को पीरियड लीव दी जाएगी. ये नियम इसी सेमेस्टर से यानी जो सेमेस्टर शुरू हो चुका है से लागू होगा. ये फैसला धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने किया है. ये यूनिवर्सिटी जबलपुर में है और इसने बहुत लंबे समय से स्टूडेंट्स की तरफ से उठ रही इस मांग को स्वीकार करके मेनसुरल लीव को हरी झंडी दे दी है. छात्राओं के साथ ही स्टूडेंट बार एसोसिएशन भी काफी समय से इस छुट्टी की मांग कर रहा था.
क्या कहना है वीसी का
धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. शैलेश एन हाडली ने पीटीओई को बताया कि इस छुट्टी की डिमांड स्टूडेंट्स बहुत समय से कर रही थी. इस कारण हमने और हमारे स्टूडेंट्स वेलफेयर डीन ने तय किया कि हम इस सेमेस्टर से ये छुट्टी देंगे. ये अवकाश हर सेमेस्टर में सांस्कृतिक और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छात्रों को दी जाने वाली छह छुट्टियों का हिस्सा होंगे. छात्राएं इन छुट्टियों का लाभ उठा सकती हैं. ये छुट्टियां स्टूडेंट्स को मिलने वाले बहुत से फायदों में से एक कदम होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया था इंकार
बता दें कि इस साल फरवरी में एक पीआईएल दाखिल की गई थी जिसमें मांग उठी थी की सभी राज्यों को ये नियम बनाना चाहिए जिसते तहत महिला स्टूडेंट्स और वर्किंग विमेन को मेनसुरल पेन लीव मिलने का प्रवाधान हो. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये अर्जी खारिज कर दी थी. उनका कहना था कि ये सरकारी नीति के अधिकार क्षेत्र में आता है.
क्या और जगहों पर लागू होगा नियम
इस नियम को फिलहाल मध्य प्रदेश की लॉ यूनिवर्सिटी ने लागू किया है. देखने वाला होगा कि आने वाले समय में इस नियम को और कहां-कहां मान्यता मिलती है. इसे राज्य के स्तर पर लागू किया जाता है या संस्थान के लेवल पर. कुछ समय में चीजें साफ होने की उम्मीद की जा सकती है.
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