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पेपर लीक के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गईं। (फोटो: पीटीआई)
यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा, “तमिलनाडु सरकार पहले ही अपनी स्थिति बता चुकी है… हमें इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।”
कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा और कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने शुक्रवार को नीट-यूजी 2024 को केंद्र सरकार का एक बड़ा ‘घोटाला’ करार दिया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए 5 मई को करीब 24 लाख अभ्यर्थियों ने नीट परीक्षा दी थी। 5 जून को समय से पहले ही नतीजे घोषित कर दिए गए, लेकिन पेपर लीक होने और 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के आरोपों के कारण नतीजे खराब हो गए।
यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा, “तमिलनाडु सरकार पहले ही अपनी स्थिति बता चुकी है… हमें इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।”
उन्होंने कहा, “यह दुखद है कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है, जबकि छात्र और अभिभावक देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम कर रहे हैं। सीबीआई को जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
मंत्री ने यह भी कहा कि देशभर में विरोध प्रदर्शन के बावजूद एनईईटी मामले की जांच का आदेश देने में केंद्र की अनिच्छा लोगों के मन में संदेह पैदा करती है।
पाटिल ने कहा, “कई राज्य सरकारों ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। हमें नहीं पता कि केंद्र दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहा है या नहीं। केंद्र की भाजपा सरकार 24 लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।”
एनईईटी से छूट मांगने में राज्य सरकार की सीमाओं को व्यक्त करते हुए पाटिल ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और कानूनी प्रतिबंधों का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, “हम कानून के अनुसार एनईईटी को सीधे तौर पर खारिज नहीं कर सकते, इसे केंद्र सरकार ने लागू किया है और हमारे पास एनईईटी आयोजित करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।”