नई दिल्ली: कॉग्निजेंट ने अपने कर्मचारियों को रिटर्न-टू-ऑफिस नीति का अनुपालन करने के बारे में चेतावनी जारी की है। कंपनी ने बताया कि रिटर्न-टू-ऑफिस पॉलिसी का पालन न करना गंभीर कदाचार के रूप में देखा जाएगा। इससे अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है और बर्खास्तगी भी हो सकती है।
कंपनी ने रिपोर्ट में कहा, “कृपया ध्यान दें कि निर्देशों का पालन करने में विफलता कंपनी की नीतियों के अनुसार गंभीर कदाचार होगी और तदनुसार आपके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी जो बर्खास्तगी तक हो सकती है।” (यह भी पढ़ें: आरबीआई ने सरकारी ट्रेजरी बिल नीलामी की समयसीमा में संशोधन किया)
कर्मचारियों को कार्यालय वापसी नीति के बारे में कंपनी के नेताओं के पिछले संदेशों की समीक्षा करने की याद दिलाई गई। इस वर्ष से पहले कॉग्निजेंट के पास अनिवार्य कार्यालय वापसी नीति नहीं थी और टीमों को परियोजना की जरूरतों के आधार पर कार्यालय का दौरा करने की अनुमति थी।
रॉयटर्स के मुताबिक, यह कदम कॉग्निजेंट के सीईओ रवि कुमार द्वारा फरवरी में एक मेमो जारी करने के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि सभी भारत-आधारित कर्मचारियों को प्रति सप्ताह औसतन तीन दिन कार्यालय से काम करने की उम्मीद है। (यह भी पढ़ें: विप्रो के सीओओ अमित चौधरी ने इस्तीफा दिया; संजीव जैन कार्यभार संभालेंगे)
यह आदेश टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और विप्रो के समान कदमों का अनुसरण करता है, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को 2023 में कार्यालय लौटने का निर्देश दिया है। कॉग्निजेंट के पास भारत में एक बड़ा कार्यबल है, जिसके 3,47,000 कर्मचारियों में से लगभग 2,54,000 कर्मचारी वहीं स्थित हैं। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार।