केशव कुमार पाठक (केके पाठक) एक कड़े मिजाज अधिकारी हैं जिन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव किए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी. पाठक छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति पर कड़ी नजर रखते हैं और स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए काम कर रहे हैं. वह कई महत्वपूर्ण डिग्रियां रखते हैं और उन्होंने 1990 में यूपीएससी पास किया था.
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले केके पाठक की पहली पोस्टिंग कटिहार में हुई थी. वह 2010 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए लेकिन 2015 में नीतीश कुमार के अनुरोध पर बिहार लौट आए. उन्हें 2016 में शराबबंदी अभियान में एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी और 2021 में उन्हें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया था. जून 2023 में उन्हें बिहार शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया. पाठक को फेम इंडिया मैगजीन- एशियो पोस्ट 2021 में प्रभावशाली नौकरशाह के रूप में नामित किया गया था. आइए जानते हैं उनके पास कौन-कौन सी डिग्री हैं…
हाल ही में केके पाठक राज्य में गर्मियों की छुट्टी ना होने को लेकर चर्चा में हैं. उनका जन्म 15 जनवरी 1968 को हुआ था. शुरुआत से ही वह पढ़ाई में होशियार थे. केके पाठक ने 10वीं और 12वीं पास करने बाद इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन उन्होंने प्रथम श्रेणी के साथ पास की. इसके बाद उन्होंने इसी विषय में एम. फिल भी की. रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में टॉप 40 में रैंक हासिल की थी.
कैसा रहा सफर?
1990 में पहली पोस्टिंग कटिहार में मिली. साल 1996 में डीएम बने. 2005 में बियाडा एमडी, आवास बोर्ड सीएमडी भी बने. 2010 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए. 2015 में बिहार वापस लौटकर उत्पाद विभाग में प्रमुख भूमिका निभाई. 2021 में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव बने. फिर वर्ष 2023 में उन्हें शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया.
क्यों हैं चर्चा में?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 जून तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया था, मगर केके पाठक ने इस आदेश को संशोधित कर शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी थी. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इससे सीएम नीतीश कुमार नाराज हैं. केके पाठक ने ईएल लीव के लिए आवेदन दे दिया है.
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