लाहौर का ‘शाही मोहल्ला’ कैसे बन गया तवायफों का अड्डा?

लाहौर का 'शाही मोहल्ला' कैसे बन गया तवायफों का अड्डा?


हीरामंडी वास्तविक कहानी: फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली जब भी कोई प्रोजेक्ट लेकर आते हैं तो वो कई कारणों से चर्चा में रहता है. इस बार वो वेब सीरीज ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ को लेकर सुर्खियों में हैं. राइटर Moin Baig ने 14 साल पहले संजय लीला भंसाली को लाहौर के हीरामंडी एरिया पर फिल्म बनाने का आईडिया दिया था. हालांकि, उस वक्त वो इस पर फिल्म नहीं बना पाए थे क्योंकि वो बाकी दूसरी स्क्रिप्ट में बिजी थे.

अब सालों बाद संजय लीला भंसाली हीरामंडी पर वेब सीरीज लेकर आ रहे हैं. हीरामंडी: द डायमंड बाजार की काफी चर्चा हो रही है. हाल ही में इसकी रिलीज डेट की अनाउंसमेंट भी हुई. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर हीरामंडी की असल कहानी क्या है.

हीरामंडी की कहानी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हीरामंडी का इतिहास 450 साल पुराना है. हीरामंडी पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक इलाका है. इसे ‘शाही मोहल्ला’ के नाम से भी जाना जाता है. Dailyo के मुताबिक, इस इलाके का उदय मुगल काल में हुआ था. यहां उस समय उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान से महिलाएं आती थी और वो क्लासिकल डांस करती थी, गाना गाती थीं. उस वक्त से कला से जोड़कर देखा जाता था. 15वीं और 16वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान ये इलाका कला का केंद्र था.

हालांकि, फिर अहमद शाह अब्दाली के आक्रमण के बाद ये इलाका रेड लाइट एरिया में तब्दील हो गया. फिर ब्रिटिश राज में भी यहां वेश्यालय बनाए गए और धीरे-धीरे ये वेश्यावृति का केंद्र बन गया.

लाहौर के मोहल्ले का नाम हिरामंडी क्यों पड़ा?

हीरामंडी का शाब्दिक अर्थ हीरों का बाजार है, हालांकि, हीरे के बाजार से इसका कोई लेना-देना नहीं है. बीबीसी उर्दू के मुताबिक, 1799 में लाहौर पर महाराजा रणजीत सिंह का राज हुआ. उसी दौरान हीरामंडी का नाम महाराजा रणजीत सिंह के दीवान हीरा सिंह के नाम पर रखा गया था. उन्होंने यहां पर अनाज मंडी बनाई थी. इसी के बाद से इसे हीरा दी मंडी कहा जाने लगा और फिर इसका नाम हीरामंडी पड़ गया.

वहीं अकबर के शासन के दौर में हीरामंडी को ‘शाही मोहल्ला’ कहा जाता था. यहां पर स्थित कई कोठे मुगल शासन के दौर के हैं.

‘अमीर लोगों का इलाका’

बीबीसी उर्दू से बातचीत में प्रोफेसर त्रिपुरारी शर्मा ने बताया, ‘मुगलकाल में अमीर लोगों के परिवार इन इलाकों में रहते थे. उनके प्रोग्राम राजमहलों में रहते थे. उस समय कोठे को कला का केंद्र कहा जाता था, जहां डांस, गाना आदि चीजें सिखाई जाती थी. यहां की महिलाएं खुद को एक्ट्रेस कहा करती थीं. यहां पर लोग ऊंचे स्तर की बातचीत सीखने भी आया करते थे.’

पाकिस्तानी राइटर फौजिया सईद ने भी अपनी किताब ‘टेबो: द हेडन कल्चर ऑफ ए रेड लाइट एरिया’ में हीरामंडी के बारे में लिखा है. राइटर के मुताबकि,’हम उनके बारे में केवल यही सोचते हैं कि वो सिर्फ सेक्स वर्कर थे. पहले मैंने भी ये ही सोचा था लेकिन जब मैंने वहां जाकर देखा तो मैं चौंक गई थी, क्योंकि ये साहित्य का केंद्र था. हीरामंडी ने जाने-माने लेखकों, शायरों, कलाकारों को जन्म दिया है.’


कब स्ट्रीम होगी हीरामंडी?
बता दें कि हीरामंडी 1 मई से स्ट्रीम होगी. इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर देखा जाएगा. वेब सीरीज की रिलीज डेट साउथ मुंबई में महालक्ष्मी रेस कोर्स में हुए एक इवेंट में ड्रॉन लाइट शो के जरिए अनाउंस की गई. हीरामंडी के जरिए संजय लीला भंसाली डिजिटल डेब्यू करने जा रहे हैं. वेब सीरीज को लेकर फैंस काफी एक्साइटेड हैं.

वेब सीरीज में नजर आएंगी ये एक्ट्रेसेस
इस वेब सीरीज में कई पॉपुलर चेहरे नजर आएंगे. इसकी कास्ट में मनीषा कोईराला, सोनाक्षी सिन्हा, ऋचा चड्ढा, शर्मिन सहगल,संजीदा शेख और अदिति राव हैदरी जैसी एक्ट्रेस अपनी एक्टिंग और डांसिंग का जलवा बिखेरेंगी. वेब सीरीज के कई पोस्टर्स रिलीज किए जा चुके हैं.

एक्ट्रेसेस के फर्स्ट लुक भी सामने आ गए हैं. सभी एक्ट्रेसेस को ट्रेडिशनल अटायर में देखा गया. इसी के साथ इसका पहला सॉन्ग ‘सकल बन’ आउट हो गया है. सकल बन में एक्ट्रेसेस ने क्लासिकल डांस की झलक दिखाई है.


संजय लीला भंसाली का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है हीरामंडी

हीरामंडी संजय लीला भंसाली के स्पेशल प्रोजेक्ट्स में से एक है. इसके बारे में बताते हुए संजय ने कहा था, ‘ये लाहौर की तवायफों पर आधारित इस तरह की पहली एपिक वेब सीरीज है. ये महत्वाकांक्षी, ग्रैंड सीरीज है, इसलिए मैं इसे बनाने को लेकर नर्वस और एक्साइटेड दोनों हूं. मैं नेटफ्लिक्स के साथ अपनी साझेदारी और हीरामंडी को दुनिया के दर्शकों के सामने लाने के लिए एक्साइटेड हूं. शो की कहानी में कोठों में होने वाले प्यार, धोखा, उत्तराधिकार और राजनीति के बारे में दिखाया जाएगा.’

उन्होंने कहा था, ‘मैंने बड़ी फिल्में बनाई हैं, मैं बड़ी फिल्मों को बनाते हुए एंजॉय करता हूं. पर डिजिटल पर शिफ्ट होते हुए मैं इसे एक पायदान ऊपर ले गया हूं. हीरामंडी मेरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. मैं इसे बहुत स्पेशल बनाना चाहता हूं और मैंने इसे लेकर खुद को भी सरप्राइज किया है. ये सिर्फ एक सीरीज नहीं है, ये एक दुनिया है और मैं एक्साइटेड हूं कि दुनियाभर के लोग इसमें पूरी तरह से डूब जाए.’

संजय लीला भंसाली ने बनाए ऐसे प्रोजेक्ट्स

संजय लीला भंसाली फिल्मों में अपने म्यूजिक, क्लासिकल डांस और लैविश सेट के लिए जाने जाते हैं. उनकी फिल्मों में हर एक चीज को ग्रैंड लेवर पर फिल्माया जाता है. आउटफिट-जूलरी से लेकर सेट की बारिकियों तक संजय लीला भंसाली खुद हर चीज में इंवॉल्व होते हैं. वो खामोशी, हम दिल दे चुके सनम, देवदास, ब्लैक, सांवरिया, गुजारिश, बाजीराव मस्तानी, पद्मावत, गंगुबाई काठियावाड़ी, गोलियों की रासलीला राम लीला जैसी फिल्में बना चुके हैं. उनकी फिल्में अपने कंटेंट की वजह से जितनी विवादों में रहती हैं, उतनी है चर्चा में रहती हैं. साथ ही बॉक्स ऑफिस पर भी खूब धमाल मचाती हैं. पिछली बार उनकी फिल्म गंगुबाई काठियावाड़ी आई थी. इस फिल्म में आलिया भट्ट नजर आई थीं.

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