इससे पहले, बच्चों को केवल आधार कार्ड दिखाकर दाखिला मिल जाता था।
नवीनतम अपडेट के अनुसार, अब छात्रों को नामांकन के समय अपना आधार नंबर के साथ-साथ जन्म प्रमाण पत्र या बैंक खाता भी प्रस्तुत करना होगा।
बिहार के शिक्षा विभाग ने हाल ही में सीवान जिले के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में फर्जी नामांकन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। यह कदम उन छात्रों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है जो स्कूल में पढ़ना चाहते हैं और केवल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) या मुफ्त पाठ्यपुस्तकों के लिए नामांकन नहीं करा रहे हैं।
नवीनतम अपडेट के अनुसार, अब छात्रों को नामांकन के समय अपना आधार नंबर के साथ-साथ जन्म प्रमाण पत्र या बैंक खाता भी प्रस्तुत करना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में फर्जी नामांकन के जवाब में माध्यमिक शिक्षा निदेशक (DoSE) ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, गहन जांच के बाद ही नए नामांकन पर विचार किया जाएगा।
लोकल18 के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) राजिंदर सिंह ने बताया कि अब स्कूल में नामांकन के समय बच्चों का आधार कार्ड और बैंक खाता देना होगा। जो बच्चे वर्तमान में स्कूल में नामांकित हैं, उन्हें भी अपना आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर दिखाना होगा। ऐसा न करने पर छात्र सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
डीईओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि पहले बच्चों का दाखिला सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर हो जाता था। बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए उनके अभिभावकों के बैंक अकाउंट नंबर शामिल किए जाते थे। इसमें बड़ी रकम का गबन और धोखाधड़ी की जाती थी। इसे देखते हुए आदेश जारी किए गए हैं कि अब बच्चों का दाखिला तभी होगा जब उनके पास बैंक अकाउंट नंबर और आधार कार्ड होगा।
इसके अलावा, जब बच्चों का डेटा मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) पोर्टल पर डाला जाएगा, तो उनके सभी आधार कार्ड और बैंक खातों की विस्तृत जानकारी भी अपलोड हो जाएगी। इससे धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी ने अधिकारियों के साथ-साथ प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्कूलों में नामांकन में कोई फर्जीवाड़ा न हो।
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