तेजी से वजन कम होना से लेकर धुंधला दिखना, डायबिटीज के सामान्य लक्षणों पर एक नजर – ​​News18

तेजी से वजन कम होना से लेकर धुंधला दिखना, डायबिटीज के सामान्य लक्षणों पर एक नजर - ​​News18


लोगों को समय-समय पर अपने शुगर स्तर की जांच करानी चाहिए।

आजकल ऐसी मशीनें उपलब्ध हैं, जिनसे आप घर पर ही अपना ब्लड शुगर लेवल जांच सकते हैं।

डायबिटीज एक बेहद गंभीर बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर को खराब करती है। अगर डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित न किया जाए तो शरीर के सभी अंग खराब होने लगते हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाने पर जिंदगी भर परेशानी का सबब बन सकती है। इस बीमारी से बचने के लिए खान-पान और लाइफस्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है। समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए। कई लोग स्वस्थ होते हुए भी इन बातों पर ध्यान नहीं देते और धीरे-धीरे डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अनिल बंसल ने न्यूज18 को बताया कि लोगों में डायबिटीज के कई सामान्य लक्षण दिखते हैं, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। बार-बार पेशाब आना, बहुत ज्यादा भूख लगना, बहुत ज्यादा प्यास लगना, तेजी से वजन कम होना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, हाथ-पैरों का सुन्न होना, बहुत ज्यादा थकान होना, त्वचा का रूखा होना, घाव भरने में अधिक समय लगना और बार-बार संक्रमण होना डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो आपको अपना शुगर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

डॉ. बंसल ने बताया कि आज के दौर में ब्लड शुगर जांचने के लिए मशीनें उपलब्ध हैं, जिनसे आप घर बैठे ही शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं। लोगों को समय-समय पर अपना शुगर लेवल जांचते रहना चाहिए, ताकि डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सके। फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 100 mg/dL से कम होना चाहिए। अगर फास्टिंग शुगर लेवल 100 से ज्यादा है और लगातार कई दिनों तक ऐसा ही रहता है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर HbA1c टेस्ट करवाना चाहिए। इस टेस्ट में आपके 3 महीने का ब्लड शुगर एवरेज पता चल जाएगा। अगर इसमें शुगर एवरेज 6.5 से ज्यादा है, तो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रसित है।

विशेषज्ञों के अनुसार, कई बार लोगों का ब्लड शुगर सामान्य से ज़्यादा हो जाता है, लेकिन यह डायबिटीज़ रेंज से कम होता है। इस स्थिति को प्री-डायबिटीज़ कहते हैं। अगर HbA1c टेस्ट में किसी व्यक्ति का शुगर लेवल 5.7 से 6.4 के बीच है, तो उसे प्री-डायबिटीज़ माना जाता है। इस स्थिति को उलटा किया जा सकता है और इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। अगर इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह आगे चलकर डायबिटीज़ का कारण बन सकता है। लोगों को इससे बचने की ज़रूरत है। देश में करोड़ों लोग प्री-डायबिटीज़ से पीड़ित हैं। अगर वे अभी जांच करवा लें और सही कदम उठाएँ, तो वे डायबिटीज़ से बच सकते हैं।



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