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Dharmsala (Dharamshala), India
कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा की गई जांच में चार वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों को दोषी पाया गया, प्रिंसिपल ने कहा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
टांडा मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 5 जून की शाम को सीनियर छात्रों ने जूनियर ट्रेनी एमबीबीएस डॉक्टरों को ब्वॉयज हॉस्टल के कमरा नंबर 108 में बुलाया और बाद में उनके साथ गाली-गलौज व मारपीट की
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित एक सरकारी कॉलेज के कुछ एमबीबीएस छात्रों के साथ उनके वरिष्ठों ने कथित तौर पर रैगिंग, दुर्व्यवहार और मारपीट की, जिसके बाद चार वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों को निष्कासित कर दिया गया।
टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 5 जून की शाम को सीनियर छात्रों ने जूनियर ट्रेनी एमबीबीएस डॉक्टरों को बॉयज हॉस्टल के कमरा नंबर 108 में बुलाया और बाद में उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। बाद में जूनियर छात्रों ने नेशनल मेडिकल कमीशन में शिकायत दर्ज कराई।
टीएमसी के प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने बताया कि कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा की गई जांच में 2019 और 2022 बैच के चार वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों अरुण सूद, सिद्धांत यादव, राघवेंद्र भारद्वाज और भवानी शंकर को दोषी पाया गया है।
प्राचार्य ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज प्रबंधन ने दो वरिष्ठ प्रशिक्षु डॉक्टरों को एक-एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य दो को छह महीने के लिए निष्कासित कर दिया गया है और उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
बयान के अनुसार, जुर्माना सात दिनों के भीतर चुकाया जाना चाहिए।
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