नवंबर का पहला प्रदोष होगा बहुत खास, देवी लक्ष्मी के नक्षत्र में घर वास, नोट करें तारीख, पुजारी

नवंबर का पहला प्रदोष होगा बहुत खास, देवी लक्ष्मी के नक्षत्र में घर वास, नोट करें तारीख, पुजारी


शुक्र प्रदोष व्रत 2023: शुक्रवार के दिन आने वाली त्रयोदशी तिथि को शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस साल नवंबर और से पहले का प्रदोष व्रत बहुत खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन धनतेरस शुक्रवार का संयोग है। शुक्र प्रदोष व्रत सुख, सौभाग्य, धन और समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।

इस दिन शिव पूजा करने से न केवल भगवान शंकर और माता पार्वती बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस साल नवंबर में शुक्र प्रदोष व्रत की तारीख, उत्सव और महत्व।

कार्तिक शुक्र प्रदोष व्रत 2023 तिथि (Shukra Pradosh Vrat 2023 Date)

कार्तिक और नवंबर माह का पहला शुक्र प्रदोष व्रत 10 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। इसी दिन धनतेरस का त्योहार भी है. इस बार कार्तिक माह में 2 शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है, ऐसे में व्रती पर मां लक्ष्मी मेहरबान का राज है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत 24 नवंबर 2023 को है।

प्रथम शुक्र प्रदोष व्रत 2023 पूजा – 10 नवंबर 2023 (शुक्र प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त)

पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12.35 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01.57 बजे समाप्त होगी. प्रदोष व्रत की पूजा शाम को होती है इसलिए इसमें प्रदोष व्रत की पूजा होती है।

  • पूजा का समय – शाम 05.30 – रात्रि 08.08 (10 नवंबर 2023)

दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत 2023 पूजा – 24 नवंबर 2023 (शुक्र प्रदोष व्रत 2023 समय)

पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 नवंबर 2023 को रात्रि 07:06 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन 25 नवंबर 2023 को शाम 05:22 बजे समाप्त होगी.

  • पूजा का समय – रात्रि 07.06 – रात्रि 08.06

शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व (शुक्र प्रदोष व्रत महत्व)

शास्त्रों के अनुसार सभी आर्थिक संकटों से मुक्ति पाने के लिए शुक्र दोष व्रत का पालन करना चाहिए। इस व्रत से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। कर्ज से पाना है तो इस दिन प्रदोष काल में लिंग पर दूध और शहद से अभिषेक करें। इससे न सिर्फ धन की शीट से राहत मिलेगी बल्कि मोक्ष भी मिलेगा। शुक्र प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को घी और शक्र मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीप आठ दिशाओं में जलते हैं। इससे मां लक्ष्मी का घर में वास होता है।

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