रोजाना मांस खाने से हो सकते हैं हृदय रोग, मधुमेह और निमोनिया: अध्ययन – न्यूज18

रोजाना मांस खाने से हो सकते हैं हृदय रोग, मधुमेह और निमोनिया: अध्ययन - न्यूज18


जो लोग सप्ताह में तीन दिन से अधिक मांस खाते हैं उनका स्वास्थ्य अन्य लोगों की तुलना में खराब होता है।

एक अध्ययन के अनुसार, जो व्यक्ति सप्ताह में तीन या अधिक दिन रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, चिकन और टर्की जैसे पोल्ट्री खाता है, उसे खतरा होता है।

बहुत से लोग प्रतिदिन मांसाहारी भोजन खाते हैं, विशेषकर मांस। मांस प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है और इसमें आयरन, जिंक, विटामिन और आवश्यक फैटी एसिड भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे माने जाते हैं।

लेकिन ताजा अध्ययन के मुताबिक, अगर कोई रोजाना मांस खाता है तो उसे तुरंत अपनी खाने की आदत बदल लेनी चाहिए। रोजाना मांस खाने से हृदय रोग, मधुमेह और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। चलो एक नज़र मारें:

बीएमसी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो व्यक्ति सप्ताह में तीन या अधिक दिन रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, चिकन और टर्की जैसे पोल्ट्री खाता है, उसे खतरा होता है। पिछले कई अध्ययनों और शोध से पता चला है कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट के अत्यधिक सेवन से पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लोगों को दैनिक आधार पर अपने आहार में रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन सीमित करना चाहिए।

इस शोध के अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा है कि रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट सहित बहुत अधिक मांस का सेवन हमारे स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। यह अध्ययन ब्रिटेन में 4,75,000 मध्यम आयु वर्ग के लोगों पर किया गया था। शोधकर्ताओं ने लोगों के आहार और चिकित्सा रिकॉर्ड, साथ ही अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के आंकड़ों की समीक्षा की। यह अध्ययन 8 साल तक चला और पता चला कि जो लोग सप्ताह में तीन या अधिक दिन मांस खाते हैं, उनका स्वास्थ्य कम मांस खाने वालों की तुलना में अधिक खराब होता है।

जो लोग बहुत अधिक असंसाधित लाल मांस और प्रसंस्कृत मांस खाते हैं उनमें इस्केमिक हृदय रोग, निमोनिया, डायवर्टिकुलर रोग, कोलन पॉलीप्स और मधुमेह का खतरा अधिक होता है। जो लोग अपने आहार में चिकन का अधिक सेवन करते हैं उनमें गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग, गैस्ट्रिटिस, डुओडेनाइटिस, डायवर्टिकुलर रोग, पित्ताशय रोग और मधुमेह का खतरा अधिक होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो लोग रोजाना 70 ग्राम अनप्रोसेस्ड रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट खाते हैं, उनमें हृदय रोग का खतरा 15 फीसदी और डायबिटीज होने का खतरा 30 फीसदी ज्यादा होता है।



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