बबीता ने बताया कि उनका बचपन बहुत गरीबी में बीता।
बबीता ने बताया कि अशिक्षित होने के बावजूद उनके पिता सुरेन्द्र राम उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहे।
इंटरनेट पर आए दिन छात्रों की सफलता की कहानियां वायरल होती रहती हैं। हाल ही में एक ऐसी ही कहानी ने सबका ध्यान खींचा है। बिहार के मधुबनी के बसैठा गांव की रहने वाली बबीता अपने इलाके की पहली लड़की बन गई हैं, जो अकाउंट ऑफिसर बनी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बबीता के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, जिन्हें बहुत कम वेतन मिलता है। उनके लिए अफसर बनना आसान नहीं था। बबीता ने बताया कि अनपढ़ होने के बावजूद उनके पिता सुरेंद्र राम उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे। पिता के संघर्ष ने उनका करियर बनाया। बबीता ने अब BPSC क्वालिफाई कर अकाउंट ऑफिसर बन गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बसैथा गांव में पढ़े-लिखे लोगों की भरमार है, लेकिन बबीता के अनुसूचित इलाके में साक्षर लोगों की संख्या बहुत कम है। वह इलाके की एकमात्र लड़की है जिसने 11वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन किया है।
बबीता ने यह भी बताया कि उनका बचपन बहुत गरीबी में बीता है। परिवार में उनके दो भाई और एक बहन हैं। उनके पिता मजदूरी करते हैं और प्रतिदिन 300 या 500 रुपये कमाते हैं। इसी से उनका घर चलता है।
बबीता ने वर्ष 2020 में BPSC की परीक्षा दी थी और उसका चयन अकाउंट्स ऑफिसर के पद पर हुआ था। उसके पिता और माता को नहीं पता कि उनकी बेटी का चयन किस पद पर हुआ है। वे अभी भी यही कहते हैं कि उसकी सरकारी नौकरी है।
बबीता के चयन के बाद घर की स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है। पहले घर फूस का बना होता था। अब उसने घर बनाना शुरू कर दिया है, जो अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बावजूद पिता ने अपना काम नहीं छोड़ा है।
हाल ही में मीडिया से बातचीत में सुरेंद्र राम ने बताया कि उनकी बेटी पटना में पोस्टेड है। अब वह दूसरे बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं ताकि वे भी उनकी बेटी की तरह सफल हो सकें। बबीता इस समृद्ध गांव की अत्यंत पिछड़ी जाति की पहली लड़की है जो इस पद पर पहुंची है और अब वह दूसरों के लिए मिसाल बन गई है।
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