जिंदगी में वह मुकम्मल छुएंगे बच्चे कि होगा फख्र, रतन टाटा की जिंदगी से दें सीख

Parenting Tips Teach your kid from life lessons from ratan tata Parenting Tips: जिंदगी में वह मुकाम छुएंगे बच्चे कि होगा फख्र, रतन टाटा की लाइफ से दें सीख


बच्चों को सही सीख देने के लिए भी सही तरीका होना चाहिए। उनके सामने मिसाल के तौर पर ऐसा व्यक्ति होना चाहिए, जिसके चुम्बनों से वे कुछ सीख सकें और उनकी बातों को अपनी जिंदगी पर लागू कर सकें। इससे बच्चे के जीवन में तरक्की होती है और ऐसा मुकाम हासिल होता है, जिसकी वजह से आपको उन पर गर्व करने का मौका मिलता है। आज हम बच्चों के लिए मिसाल के तौर पर जिस व्यक्ति की जिंदगी के बारे में बता रहे हैं, वह कोई और नहीं, बल्कि बिजनेस टाइकून रतन टाटा हैं। आइए आपको बताते हैं कि कौन-सी बातें रतन टाटा को खास बनाती हैं और उनकी जिंदगी से क्या-क्या सीख सकती हैं?

हर तरह के वक्त का सामना करना

रतन टाटा की जिंदगी से बच्चों को किसी भी मुसीबत का सामना करना सिखाया जा सकता है। रतना टाटा ने टाटा उद्योग की जिम्मेदारी साइरस मिस्त्री को सौंपी थी, लेकिन विवाद के चलते उन्हें कंपनी से हटा दिया गया। इसके बाद 80 साल से ज्यादा उम्र होने के बावजूद रतन टाटा ने खुद ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली। इससे बच्चे यह सबक ले सकते हैं कि उम्र कोई भी हो। चाहे बच्चा हो या बूढ़ा, अगर उसके सामने विपरीत परिस्थितियां आ रही हैं तो उसे डटकर सामना करना चाहिए, क्योंकि हिम्मत से ही किसी भी मुसीबत को मात दी जा सकती है।

सिर्फ काम पर रहे फोकस

रतन टाटा देश के जाने-माने औद्योगिक घरों से तालुक रखते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि देश में कई उभरते घराने हैं, जो बिजनेस के साथ-साथ राजनीति में भी दिलचस्पी रखते हैं, लेकिन रतन टाटा ने हमेशा सियासत से दूरी बनाए रखी। वह हमेशा काम को तरजीह दी. रतन टाटा का कहना है कि आपको अपनी योग्यता का उपयोग हमेशा एक ही खेत में करना चाहिए। दो नावों की सवारी करने से हमेशा नुकसान होता है। बच्चे इससे सीख सकते हैं कि अपने काम पर किस तरह फोकस रखना चाहिए।

काम को पूजा की तरह करें

रतन टाटा अपने काम को हमेशा पूजा की तरह लेते हैं। उन्होंने अपने जीवन में काफी परिश्रम किया, जिसके बाद उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई। उत्साहित, जब रतन टाटा पढ़ाई करके हुए तो आईबीएम ने उन्हें नौकरी का ऑफर दिया था। उस दौरान रतन टाटा अपने फैमिली बिजनेस से भी जुड़े। बिजनेस घराने से होने के बाद भी रतन टाटा ने आईबीएम में नौकरी की। इससे बच्चों को सिखाना चाहिए कि काम को हमेशा पूजा की तरह करना चाहिए, भले ही आपका रुतबा कैसा भी क्यों न हो।

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