5 दोस्तों संग चॉल में बिताए दिन, इस वजह से मन में आने लगे थे खुदकुशी के ख्याल, पहचाना क्या?

5 दोस्तों संग चॉल में बिताए दिन, इस वजह से मन में आने लगे थे खुदकुशी के ख्याल, पहचाना क्या?


Manoj Bajpayee Struggle: मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) बॉलीवुड इंडस्ट्री के वर्सेटाइल सितारों में से एक हैं. उनकी अदाकारी की सिर्फ फैंस ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े स्टार्स भी तारीफ करते हैं. लेकिन सफलता के जिस मुकाम पर मनोज बाजपेयी आज हैं, वहां तक पहुंचना उनके लिए कभी आसान नहीं था. स्ट्र्गल के दिनों में मनोज बाजपेयी अपने पांच दोस्तों के साथ एक चॉल में रहते थे. उनके मन में खुदकुशी के ख्याल आने लगे थे. हालांकि, कड़ी मेहनत और हुनर के दम पर मनोज अपनी किस्मत बदलने में कामयाब साबित हुए.

29 सालों से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं मनोज बाजपेयी
एक्टर पिछले 29 सालों से ऑडियंस को फिल्मों में अपने-अपने किरदारों से ऑडियंस को एंटरटेनट कर रहे हैं. हाल ही में मनोज बाजपेयी ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया. उन्होंने बताया कि एक वक्त तो ऐसा था जब वह सुसाइड करने वाले थे. हालांकि, मुश्किल वक्त में दोस्तों ने उनका खूब साथ दिया.


सुसाइड करने वाले थे मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपेयी ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ इंटरव्य के दौरान कहा, ‘लोग कहते थे कि मैं किसी का काम नहीं हूं, लेकिन मैंने किसी की बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया. मैं आउटसाइडर था. फिर मैं अपनी हिंदी और इंग्लिश पर काम करना शुरू किया. इसके बाद मैंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन के लिए अप्लाई किया लेकिन तीन बार मुझे रिजेक्ट कर दिया गया. मुझे सुसाइड करने के ख्याल आने लगे थे. उस वक्त मेरे दोस्त मेरे पास सोते थे. मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ते थे.’


असिस्टेंट डायरेक्टर ने फाड़ दी थी फोटो
बॉलीवुड में एंटर करने से पहले मनोज बाजपेयी अपने पांच दोस्तों के साथ एक चॉल में किराए पर रहते थे. उन्होंने बताया, ‘मैंने 5 दोस्तों के साथ एक चॉल किराए पर लिया और काम की तलाश शुरू कर दी, लेकिन कोई रोल नहीं मिला. एक बार, एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने मेरी तस्वीर फाड़ दी और फिर एक दिन में 3 प्रोजेक्ट मेरे हाथ से निकल गए. यहां तक ​​​​कि पहले शॉट के बाद मुझे कहा गया-बाहर निकल जाओ. मैं हीरो के चेहरे पर फिट नहीं बैठता था, इसलिए उन्होंने सोचा कि मैं बड़े पर्दे पर कभी नहीं आ पाऊंगा.’


पहली फिल्म में मिला सिर्फ एक मिनट का रोल
साल 1994 में मनोज बाजपेयी ने फिल्म ‘द्रोहकाल’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसमें उनका सिर्फ एक मिनट का रोल था. साल 1998 में उनके हाथ ‘सत्या’ फिल्म लगी. इसमें वह भीखू म्हात्रे का किरदार निभाकर मशहूर हो गए. इसके बाद मनोज बाजपेयी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. ‘शूल’, ‘पिंजर’, ‘अक्स’, ‘राजनीति’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘सत्यमेव जयते’ और ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ जैसी फिल्मों में वह अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेर चुके हैं.

‘जोरम’ में हुई मनोज बाजपेयी की एक्टिंग की तारीफ
वर्क फ्रंट की बात करें तो मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee)  पिछली बार फिल्म ‘जोरम’ (Joram) में नजर आए थे. ये मूवी हाल ही में रिलीज हुई है और इसमें उनकी एक्टिंग की बहुत तारीफ हो रही है. अब मनोज बाजपेयी के फैंस उनकी पॉपुलर सीरीज ‘द फैमिली मैन’ के तीसरे सीजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

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