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मुलेठी के आगे बड़े-बड़े नीम हकीम भी हैं फेल, मोटापा, खांसी हो या फिर गले की खराश

मुलेठी के आगे बड़े-बड़े नीम हकीम भी हैं फेल, मोटापा, खांसी हो या फिर गले की खराश


सर्दियों में मुलेठी के फायदे : मुलेठी एक औषधि की तरह है जो स्वाद में दमदार होती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक की सेहत के लिए इसके कई फायदे होते हैं। आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा में कफ को खत्म करने के लिए मुलेठी (लिकोरिस) का उपयोग किया जाता है। लिकोरिस यानी मुलेठी (सर्दी में मुलेठी के फायदे) एक प्राकृतिक विटामिन पाई है, इसलिए इसके सेवन से स्वाद भी बढ़ता है। आइए जानते हैं समुद्र में मुलेठी खाने के क्या-क्या फायदे हैं…

मुलेठी इतनी आकर्षक क्यों

मुलेठी में विटामिन सी, विटामिन ई, जीन और सेलेनियम जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये मौलिक गुण को नुकसान पहुंचाने वाले खनिज वाले फ्री रेडिकल्स को परामर्श कर शारीरिक तनाव से लड़ने में मदद करते हैं। यह पाचन में भी सहायक होते हैं। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी का प्रभाव भी पाया जाता है। गठिया और गठिया के इलाज में भी मदद करें।

मुलेठी का उपयोग कैसे करें

ठंड के मौसम में मुलेठी का उपयोग चाय के साथ कर सकते हैं। दिन में कम से कम दो से तीन बार मुलेठी की चाय पी सकते हैं। इससे खांसी कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए मुलेठी को एक कप पानी में पांच मिनट तक पानी पिलाएं। इससे खांसी से आराम मिल सकता है।

ठंड में मुलेठी के फायदे

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी

समुद्र तट पर इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके सेवन से समुद्र तट पर आप तक पहुंच नहीं है। विस्तारित मुलेठी एंटीऑक्सीडेंट से परिपूर्ण है, इसलिए इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद मिलती है।

2. दूर होगा गले की खराश

मुलेठी यानि मंजिस्ता एंटी इन्फ्लेमेट्री और सैडिंग गुण वाला होता है। इसके सेवन से गले की खराश से राहत मिल सकती है। यह ब्रोंकस पर डिजिटली पार्ट बनाने का काम करता है और समुद्र तट में गले को फायदा पहुंचाता है।

3. सांस की आरामदायक करे दूर

समुद्र तट में सांस की चमक तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में मुलेठी का काम संभव है। कंजेशन से राहत और ब्रोंकियल स्वास्थ्य में ये मदद कर सकता है। इसके सेवन से कफ निकालने वाले बलगम निर्माता होते हैं और आसानी से कफ बाहर निकल जाते हैं।

4. शरीर में गर्मी आती है

ठंड के मौसम में मुलेठी ठंडी तापमान में शरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है। मुलेठी को अपनी मौलिकता में शामिल कर ठंड से आरंभ में मदद मिलती है। इससे शरीर कई प्रयोगशालाओं से बच सकता है।

5. प्रशिक्षण प्रशिक्षण से सामान्य राहत

समुद्र तट पर समुद्र तट पर रेशम का आटा और हार्डी होता है। इससे स्किन पर रेड रैशेज़ हो सकते हैं। मुलेठी के सूजन-रोधी और कृमिनाशक गुण त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाते हैं। मुलेठी और इसके इंकलाब को पीसकर मास्क तैयार कर व्यवसाय पर उपयोग से लेकर तंबाकू रेशम तक का उपयोग किया जा सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरकीबें और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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