अमित शाह कल जारी करेंगे मध्य प्रदेश सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’, चुनाव के लिए अंतिम योजना होगी पेश

अमित शाह कल जारी करेंगे मध्य प्रदेश सरकार का 'रिपोर्ट कार्ड', चुनाव के लिए अंतिम योजना होगी पेश


मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (20 अगस्त) को मध्य प्रदेश सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे. इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र ग्वालियर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी.

बीजेपी की प्रदेश इकाई के एक नेता ने कहा कि शाह रविवार सुबह यहां आएंगे और शिवराज सिंह चौहान सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे. मध्य प्रदेश बीजेपी मीडिया विंग के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने शनिवार (19 अगस्त) को फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसके बाद शाह भोपाल से ग्वालियर के लिए रवाना होंगे जहां वह कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करेंगे.

यह प्रदेश कार्यसमिति की आखिरी बैठक
सूत्रों ने कहा कि पार्टी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि लगभग 1,500 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है और उम्मीद है कि बैठक में आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अपनी अंतिम योजना पेश करेगी.

चुनाव से पहले यह प्रदेश कार्यसमिति की आखिरी बैठक होगी. राज्य में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं. राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, बीजेपी ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है. ग्वालियर में पिछले वर्ष 57 साल बाद महापौर का चुनाव कांग्रेस से हारने के बाद बीजेपी इस इलाके में अपना आधार बढ़ाना चाहती है.

बीजेपी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती
एक महीने से भी कम समय में शाह का मध्य प्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा. इसके पहले 30 जुलाई को शाह ने इंदौर का दौरा किया था, जहां उन्होंने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीटें जीती थीं, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे.

सिंधिया के अपने करीबियों के साथ बीजेपी में चले जाने के बाद, नवंबर 2020 में ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हुए उपचुनावों में कांग्रेस 19 में से सिर्फ सात सीट जीत सकी थी. एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि पिछले साल ग्वालियर में महापौर के चुनाव में झटका लगने के बाद अब बीजेपी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है.

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