एनबीई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई: नीट परीक्षाओं पर छाए बादल छंटने का नाम ही नहीं ले रह हैं. अभी कैंडिडेट्स नीट यूजी परीक्षा में हुई धांधली से जूझ ही रहे थे कि नीट पीजी परीक्षा को लेकर भी बवाल खड़ा होता दिख रहा है. नीट पोस्ट ग्रेजुएट एग्जामिनेशन आज यानी 23 जून के दिन आयोजित होना था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. परीक्षा से 11 घंटे पहले हेल्थ मिनिस्ट्री ने परीक्षा स्थगित कर दी. इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि कुछ शरारती तत्व परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे थे.
क्या है मामला
नीट पीजी परीक्षा का पेपर लीक जैसा कोई मामला नजर में नहीं आया है पर सोशल मीडिया पर कुछ ग्रुप एक्टिव होकर कैंडिडेट्स को बरगलाने का काम कर रहे थे. ये ग्रुप उम्मीदवारों को पैसे के बदले में नीट पीजी परीक्षा का पेपर पहले से उपलब्ध कराने की बात कह रहे थे. इसके बदले में कैंडिडेट्स से पैसों की डिमांड की जा रही थी.
इन शिकायतों पर विचार करते हुए एनबीई ने नोटिस जारी किया और ऐसे प्रलोभलनों से सावधान रहने को कहा. नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने ऐसे सोशल मीडिया ग्रुप्स को चेतावनी भी दी और स्टूडेंट्स से भी साफ कहा कि ऐसी किसी गतिविधि में शामिल पाए जाने पर उन पर सख्त कार्यवाही होगी.
दर्ज करवायी कंप्लेन
एनबीई ने सोशल मीडिया ग्रुप्स जो कैंडिडेट्स को बेवकूफ बनाकर उनसे नीट पीजी पेपर देने के बहाने पैसे ऐंठने का विचार कर रहे हैं, के खिलाफ पुलिस कंप्लेन दर्ज करायी है. एनबीईएमएस के अधिकारियों के मुताबिक कुछ सोशल मीडिया ग्रुप नीट पीजी कैंडिडेट्स को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.
ये ग्रुप 23 जून यानी आज होने वाली परीक्षा के पेपर उपलब्ध कराने की बात कर रहे थे. ये नीट पीजी का क्वैश्चन पेपर दे रहे थे. एनबीई ने ऐसे ग्रुप्स के खिलाफ तो शिकायत दर्ज की ही है साथ ही स्टूडेंट्स को भी वॉर्न किया है कि डायरेक्टली या इनडायरेक्टली, कैसे भी अगर वे इस तरह के एक्ट में शामिल पाए जाते हैं तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे.
हेल्थ मिनिस्ट्री ने स्थगित किया एग्जाम
इस बीच हेल्थ मिनिस्ट्री ने नीट पीजी परीक्षा 2024 को आगे बढ़ा दिया. नई परीक्षा तारीखे जल्द ही जारी होंगी. कैंडिडेट्स से अनुरोध है कि ताजा जानकारियों के लिए वे समय-समय पर आधिकारिक वेबसाइट विजिट करते रहें.
क्या है सजा
कॉन्सटीट्यूशन के सेक्शन 19 (1) (A) के तहत सभी नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी है पर इसका मतलब ये नहीं है कि वे किसी भी सीमा तक इसका फायदा उठाएं. आपकी पोस्ट से या अभिव्यक्ति से अगर किसी समूह की भावना आहत होती है या हिंसा फैलती है तो इसे रोकने के लिए संसद ने साल 2000 में आईटी एक्ट बनाया.
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत सेक्शन 66(A) के तहत सोशल मीडिया के द्वारा किए गए किसी भी गलत काम के लिए सजा का प्रावधान है.
इसमें बताया गया है कि अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कोई आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो या शेयर करता है तो उसके खिलाफ धारा 67 के तहत एक्शन लिया जा सकता है. पहली बार ऐसा करने पर 5 लाख जुर्माना और 3 साल की सजा और दूसरी बार ऐसा करने पर 10 लाख जुर्माना और 5 साल की सजा हो सकती है. साइबर क्राइम मामलों से निपटने के लिए आईटी एक्ट 2008 बना. इसके तहत थोड़ी-बहुत सजा के साथ ही उम्रकैद की सजा तक हो सकती है.
हाल ही में पेपर लीक कानून भी लागू हो गया है, इसके तहत दस साल तक की सजा और 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है.
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